ईटानगर, 11 अगस्त (भाषा) भारतीय सेना की गजराज कोर ने अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी कामेंग जिले के नागरिक प्रशासन और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के साथ समन्वय में सोमवार को सीमाक्षेत्र के विकास में तेजी लाने के लिए एक सम्मेलन आयोजित किया।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि सम्मेलन का आयोजन राज्य के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सीमावर्ती जिले में सुरक्षा को मजबूत करने और आपदा तैयारियों को बढ़ाने के लिए भी किया गया था।
‘हिमालयन वॉरियर ब्रिगेड’ के तत्वावधान में जिला मुख्यालय सेप्पा में आयोजित सम्मेलन में जिले के वरिष्ठ अधिकारी, सेना और आईटीबीपी कमांडर, विभागीय प्रमुख, निर्वाचित प्रतिनिधि और जनजातीय नेता एकत्रित हुए।
बयान में कहा गया है कि पिछले महीने बिचोम में आयोजित सैन्य-नागरिक संलयन सम्मेलन की गति को आगे बढ़ाते हुए, सेप्पा फोरम ने दोहरे उपयोग वाले बुनियादी ढांचे के निर्माण और उन्नयन को प्राथमिकता दी। इसमें हेलीपैड, साजोसामान केंद्र और दूरदराज के क्षेत्रों के लिए सड़क संपर्क शामिल हैं।
इसमें व्यावसायिक कौशल विकास, स्थानीय युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भर्ती अभियान तथा आईटीबीपी की ‘प्रोजेक्ट अरुणवीर’ के विस्तार पर भी चर्चा की गई। ‘प्रोजेक्ट अरुणवीर’ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय स्तर पर उत्पादित वस्तुओं को सुरक्षा बलों के इस्तेमाल के लिए लेने की एक पहल है।
प्रतिभागियों ने पुलिस, आईटीबीपी, सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) से जुड़े संयुक्त आपदा प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल की समीक्षा की। वहीं शिक्षकों ने युवा पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए आर्मी पब्लिक स्कूल के साथ छात्रों के संपर्क पर प्रकाश डाला।
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अमित प्रशांत
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