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Wednesday, August 13, 2025

यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए भारत प्रतिबद्ध: प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की से कहा

Newsयूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए भारत प्रतिबद्ध: प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की से कहा

नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से फोन पर बात की। इस दौरान उन्होंने जेलेंस्की से कहा कि यूक्रेन संघर्ष के शीघ्र एवं शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत हरसंभव योगदान देने को प्रतिबद्ध है।

वहीं, जेलेंस्की ने शांति स्थापना से जुड़े प्रयासों के लिए मोदी के समर्थन की सराहना की। हालांकि, उन्होंने भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद का अप्रत्यक्ष रूप से संदर्भ देते हुए कहा कि यूक्रेन में युद्ध जारी रखने की मॉस्को की “वित्तीय क्षमता” में कमी लाने के लिए रूस से ऊर्जा, खासतौर पर कच्चे तेल के निर्यात को सीमित करने की जरूरत है।

दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत अमेरिका के अलास्का में 15 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के बीच रूस-यूक्रेन में शांति समझौते को लेकर होने वाली शिखर वार्ता से पहले हुई है।

मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “मुझे राष्ट्रपति जेलेंस्की से बात करके और हालिया घटनाक्रमों पर उनके विचार जानकर खुशी हुई। मैंने उन्हें भारत के लगातार जारी इस रुख से अवगत कराया कि संघर्ष के शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता है।”

उन्होंने कहा, “भारत इस संबंध में हरसंभव योगदान देने तथा यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

भारत ने रूस-अमेरिका के बीच प्रस्तावित शिखर वार्ता का पिछले हफ्ते स्वागत किया था। उसने प्रधानमंत्री मोदी के इस दृढ़ रुख की फिर से पुष्टि की थी कि यह “युद्ध का युग” नहीं है।

वहीं, यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने मोदी के साथ बातचीत में सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर “विस्तार से” चर्चा की, जिनमें “द्विपक्षीय सहयोग और समग्र कूटनीतिक स्थिति” भी शामिल है।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री (मोदी) ने हमारे लोगों के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए जो गर्मजोशी भरे शब्द कहे हैं, उसके लिए मैं उनका आभारी हूं।”

जेलेंस्की ने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि भारत हमारे शांति प्रयासों का समर्थन कर रहा है और इस रुख से सहमत है कि यूक्रेन से जुड़ी हर चीज का फैसला यूक्रेन की भागीदारी से ही लिया जाना चाहिए। अन्य प्रारूपों से वांछित परिणाम नहीं मिलेंगे।”

उन्होंने यह भी कहा कि “रूस से ऊर्जा के निर्यात, खास तौर पर कच्चे तेल के निर्यात को सीमित करना” आवश्यक है।

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, “हमने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों पर भी विस्तार से चर्चा की। मैंने कहा कि रूस से ऊर्जा, खास तौर पर कच्चे तेल के निर्यात को सीमित करना आवश्यक है, ताकि इस युद्ध को जारी रखने की उसकी वित्तीय ताकत और क्षमता में कमी लाई जा सके।”

उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि रूस से गहरे रिश्ते रखने वाला हर नेता मास्को को इसी तरह के संकेत भेजे।

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने इस बात के संकेत भी दिए कि प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में हिस्सा लेने के लिए अगले महीने न्यूयॉर्क की यात्रा कर सकते हैं।

उन्होंने कहा, “हमने सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान व्यक्तिगत रूप से मिलने की योजना बनाने और एक-दूसरे के देशों की यात्रा के लिए काम करने पर सहमति जताई है।”

भारत लगातार बातचीत और कूटनीति के जरिये रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने का आह्वान करता आया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति के साथ फोन पर बातचीत की, जिसमें दोनों नेताओं ने यूक्रेन संघर्ष पर विचारों का आदान-प्रदान किया। इस दौरान मोदी ने संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के भारत के लगातार जारी रुख को भी दोहराया।

भाषा पारुल प्रशांत

प्रशांत

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