मुंबई, 11 अगस्त (भाषा) मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि शहरी नक्सलवादियों का अस्तित्व नकारा नहीं जा सकता और पुलिस द्वारा उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
उन्होंने बताया कि पुलिस सतर्क है और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई करती है।
उन्होंने कहा कि मानसून सत्र में पारित महाराष्ट्र विशेष जनसुरक्षा विधेयक, 2024 का उद्देश्य खासकर शहरी नक्सलवाद और ‘‘निष्क्रिय उग्रवाद’’ समेत वामपंथी उग्रवादी संगठनों की अवैध गतिविधियों पर रोक लगाना है।
इस विधेयक के कड़े प्रावधानों की नागरिक संस्थाओं और विपक्षी दलों ने आलोचना की है।
पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत के दौरान पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आतंकवाद मुंबई पुलिस की सबसे बड़ी चुनौती है। इसके बाद महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, मादक पदार्थों तथा साइबर अपराध पर काम किया जा रहा है।
साइबर हेल्पलाइन 1930 पर रोजाना 2,000 से अधिक कॉल आती हैं और शिकायत दर्ज होने के 15-20 मिनट के भीतर प्रतिदिन 60 लाख रुपये तक फ्रीज किए जाते हैं।
उन्होंने नागरिकों से अपील की कि ऑनलाइन धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत पुलिस को सूचित करें।
अवैध प्रवासियों के मामले में 1,000 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों को देश से निर्वासित किया गया है।
अधिकारी ने कहा कि गणेशोत्सव और ईद-ए-मिलाद शांति से मनाए जाएंगे और गणेश मंडलों को तेज ध्वनि वाले यंत्रों के उपयोग से बचने की चेतावनी दी गई है।
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राखी प्रशांत
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