अगरतला, 12 अगस्त (भाषा) त्रिपुरा के ऊर्जा मंत्री रतन लाल नाथ ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य का भविष्य सौर ऊर्जा पर निर्भर है क्योंकि आपूर्ति की कमी के कारण प्राकृतिक गैस आधारित संयंत्रों से बिजली उत्पादन में भारी कमी देखी जा रही है।
नाथ ने कहा कि राज्य के पांच में से चार गैस आधारित बिजली संयंत्रों में उत्पादन में कमी देखी गई है।
उन्होंने धलाई जिले के दुर्गाचौमुहानी में सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘पलाटाना बिजली संयंत्र को प्रतिदिन 726 मेगावाट बिजली का उत्पादन करना चाहिए था लेकिन अब वह केवल 520 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है, जबकि मनारचक बिजली संयंत्र अपनी 100 मेगावाट की स्थापित क्षमता में से सिर्फ 60 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है। आरसी नगर संयंत्र में नीपको अपनी 135 मेगावाट की स्थापित क्षमता में से 80 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है, जबकि रोखिया अपनी 63 मेगावाट की स्थापित क्षमता में से 80 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है।’’
वर्तमान में पूर्वोत्तर राज्य को प्रतिदिन औसतन 370 मेगावाट बिजली की आवश्यकता होती है, जो 2030 तक बढ़कर 700 मेगावाट हो जाएगी।
सभी गैस बिजली संयंत्र पड़ोसी राज्यों को भी बिजली भेजते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘गैस की आपूर्ति में कमी के कारण इन संयंत्रों का बिजली उत्पादन कम हो रहा है। हमें यह समझना होगा कि राज्य में गैस का भंडार हर गुजरते दिन के साथ कम होता जा रहा है।’’
लोगों से सौर ऊर्जा अपनाने का आग्रह करते हुए मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर’ योजना शुरू कर चुकी हैं।
नाथ ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर’ योजना न केवल उपभोक्ता की ऊर्जा मांगों को पूरा करेगी, बल्कि उन्हें ‘‘ऊर्जा विक्रेता’’ भी बनाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘त्रिपुरा विद्युत निगम (टीएसईसीएल) अतिरिक्त बिजली खरीदेगा, जो छतों पर लगे सौर संयंत्रों से उत्पन्न होगी। लोगों को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए।’’
भाषा सुरभि सिम्मी
सिम्मी