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नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) लोकसभा में मंगलवार को भी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न तीन बजे तक स्थगित कर दी गई, वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन का ऐलान किया।
सदन में मानसून सत्र की शुरुआत से ही कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्य बिहार में एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे हैं।
सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि सदन में कामकाज के नियमों और परिपाटियों के तहत निर्वाचन आयोग जैसी संवैधानिक संस्था के कार्यक्षेत्र से संबंधित विषय पर लोकसभा में चर्चा नहीं हो सकती। विपक्ष ने जोर दिया है कि सरकार को चुनाव में धांधली के व्यापक मुद्दे पर चर्चा करानी चाहिए क्योंकि इस विषय पर पहले भी संसद में चर्चा हुई है।
एक बार के स्थगन के बाद कार्यवाही 12 बजे शुरू हुई तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन का ऐलान किया।
उन्होंने बताया कि न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने वाली समिति में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार, मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मनींद्र मोहन श्रीवास्तव और विधिवेत्ता बी वी आचार्य शामिल होंगे।
इसके बाद आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए गए। इसी दौरान विपक्ष के सदस्यों ने एसआईआर के मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया।
पीठासीन सभापति संध्या राय ने शून्यकाल शुरू कराने का प्रयास किया लेकिन हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने कार्यवाही दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर अपराह्न तीन बजे तक स्थगित कर दी।
इससे पहले 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया, वहीं विपक्षी सांसद अपने स्थानों पर खड़े होकर एसआईआर के मुद्दे पर नारेबाजी करने लगे।
शोर-शराबे के बीच ही अध्यक्ष ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया, लेकिन विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी जारी रहने पर उन्होंने कुछ ही मिनट बाद कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।
भाषा वैभव मनीषा
मनीषा