33.1 C
Jaipur
Tuesday, August 12, 2025

संसदीय समिति ने जल शक्ति मंत्रालय से शीघ्र राष्ट्रीय जल नीति लागू करने का आग्रह किया

Newsसंसदीय समिति ने जल शक्ति मंत्रालय से शीघ्र राष्ट्रीय जल नीति लागू करने का आग्रह किया

नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) संसद की एक स्थायी समिति ने जल शक्ति मंत्रालय से काफी समय से लंबित नयी राष्ट्रीय जल नीति को तत्काल लागू करने का सुझाव हुए कहा है कि देश का जल क्षेत्र प्रति व्यक्ति घटती जल उपलब्धता, गिरती गुणवत्ता और जल उपयोग तंत्र की कम दक्षता जैसी गंभीर चुनौतियों से जूझ रहा है।

जल संसाधन संबंधी स्थायी समिति ने अपनी पूर्व की सिफारिशों को लेकर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर अपनी नौवीं कार्रवाई रिपोर्ट में कहा कि नीति का मसौदा तैयार होने के बावजूद इसके क्रियान्वयन में उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई है।

समिति ने मंत्रालय से कहा कि ‘‘नयी राष्ट्रीय जल नीति को प्राथमिकता से लागू करने के लिए आवश्यक निर्णय लिए जाएं ताकि जल क्षेत्र की मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक तंत्र तैयार किए जा सकें।’’

मंत्रालय को समिति ने तीन महीने के भीतर नीति लागू करने को कहा है, ताकि जल संकट, प्रदूषण और जलवायु जनित व्यवधानों से निपटने की क्षमता मजबूत हो सके।

रिपोर्ट में ‘राज्य बांध सुरक्षा संगठनों’ (एसडीएसओ) में कर्मचारियों की भारी कमी पर भी चिंता जताते हुए कहा गया है कि यह कमी 2021 के बांध सुरक्षा कानून के उद्देश्यों को प्रभावित कर सकती है।

समिति के अनुसार, राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण ने रिक्तियों को लेकर राज्यों के साथ 16 समीक्षा बैठकें की हैं लेकिन मुद्दे के समाधान के लिए उठाए गए कदमों के संबंध में कोई स्पष्टता नहीं है। समिति ने इस बारे में त्वरित कार्रवाई की मांग की है।

बाढ़ प्रबंधन के मुद्दे पर, विशेष रूप से पूर्वोत्तर में, समिति ने ब्रह्मपुत्र बोर्ड की, 15 उप-बेसिनों और 14 प्रमुख नदियों के मास्टर प्लान तैयार करने व अद्यतन करने की योजनाओं की समीक्षा की। समिति ने कहा कि इन योजनाओं की सफलता ‘‘सख्त क्रियान्वयन’’ पर निर्भर करेगी और असम व आसपास के राज्यों में हर साल आने वाली बाढ़ और कटाव को रोकने के लिए समयबद्ध कार्रवाई जरूरी है।

समिति ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए विशेष वित्तीय अनुदान देने की अपनी सिफारिश दोहराई। उसने मंत्रालय के इस तर्क को खारिज कर दिया कि इससे ‘जल शक्ति अभियान : कैच द रेन’ और ‘जल संचय जन भागीदारी’ जैसी सामुदायिक योजनाएं कमजोर हो सकती हैं।

इसके अलावा, समिति ने ‘राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन’ के तहत स्थानीय सांसदों और विधायकों को निगरानी तंत्र में शामिल करने, गंगा बेसिन के बाहर की नदियों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए ‘राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना’ के बजट में बढ़ोतरी और जल शक्ति एवं पर्यावरण मंत्रालयों के बीच बेहतर समन्वय की सिफारिश की।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कई योजनाएं और कार्यक्रम होने के बावजूद नीतिगत क्रियान्वयन, संस्थागत क्षमता और वित्तपोषण की कमी के कारण भारत के जल सुरक्षा लक्ष्यों में बाधा आ रही है। समिति ने तीन महीने में कई मोर्चों पर प्रगति रिपोर्ट मांगी है।

भाषा

मनीषा माधव

माधव

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles