नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान संबंधी दो विधेयकों का अध्ययन कर रही संसदीय समिति का कार्यकाल मंगलवार को शीतकालीन सत्र के अंतिम सप्ताह तक के लिए बढ़ा दिया गया।
संसद की संयुक्त समिति के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद पी. पी. चौधरी द्वारा प्रस्तुत किए गए कार्यकाल विस्तार के प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया।
प्रस्ताव के अनुसार, समिति को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए शीतकालीन सत्र, 2025 के अंतिम सप्ताह के पहले दिन तक का समय दिया गया है।
लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ और इसी व्यवस्था के तहत केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभा चुनाव कराने से संबंधित ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ पर संयुक्त समिति विचार कर रही है।
दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होते हैं।
सदन ने गत 25 मार्च को प्रतिवदेन सौंपने के लिए समिति का कार्यकाल मानसून सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन तक के लिए बढ़ा दिया था।
इन विधेयकों को पिछले साल 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था।
तब समिति को बजट सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन तक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया था।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में नरेन्द्र मोदी सरकार ने ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था और इसने अपनी रिपोर्ट में इस अवधारणा का जोरदार समर्थन किया था।
इसके बाद, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया और सरकार ने लोकसभा में दो विधेयक पेश किये।
भाषा वैभव माधव
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