नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में अबतक 3.95 प्रतिशत घटकर 6.64 लाख करोड़ रुपये रहा। कर संग्रह में कमी का कारण रिफंड का अधिक होना है। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
प्रत्यक्ष कर में कंपनियों, व्यक्तियों, पेशेवरों और अन्य संस्थाओं की आय पर कर शामिल हैं।
शुद्ध कंपनी कर संग्रह लगभग 2.29 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि गैर-कंपनी कर (जिसमें व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार और कंपनी शामिल हैं) संग्रह 4.12 लाख करोड़ रुपये रहा।
आंकड़ों के अनुसार, एक अप्रैल से 11 अगस्त के बीच प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) संग्रह 22,362 करोड़ रुपये रहा।
शुद्ध रूप से संग्रह 3.95 प्रतिशत घटकर लगभग 6.64 लाख करोड़ रुपये रहा। यह पिछले वित्त वर्ष (2024-25) की इसी अवधि में 6.91 लाख करोड़ रुपये था। चालू वित्त वर्ष में अब तक जारी किया गया रिफंड 10 प्रतिशत बढ़कर 1.35 लाख करोड़ रुपये रहा।
एक अप्रैल से 11 अगस्त के बीच सकल संग्रह (रिफंड से पहले) 1.87 प्रतिशत घटकर 7.99 लाख करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले इसी अवधि में 8.14 लाख करोड़ रुपये था।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष (2025-26) में प्रत्यक्ष कर संग्रह 25.20 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है, जो सालाना आधार पर 12.7 प्रतिशत अधिक है। सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 2025-26 में एसटीटी से 78,000 करोड़ रुपये एकत्र करना है।
भाषा रमण पाण्डेय
पाण्डेय