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Tuesday, August 12, 2025

 124 साल की मिंता देवी कौन हैं? जानें क्यों बनीं सियासी विरोध का चेहरा

News 124 साल की मिंता देवी कौन हैं? जानें क्यों बनीं सियासी विरोध का चेहरा

नई दिल्ली। बिहार में निर्वाचन आयोग द्वारा की जा रही मतदाता सूची पुनरीक्षण की कवायद के खिलाफ मंगलवार को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के घटक दलों के कई सांसदों ने संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। इनमें से कई सांसदों ने सफेद टी-शर्ट पहनी हुई थी, जिस पर राज्य की मतदाता सूची में कथित तौर पर शामिल ‘124 वर्षीय एक मतदाता’ का नाम अंकित था।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन, द्रमुक के टीआर बालू, राकांपा (एसपी) की सुप्रिया सुले, साथ ही वामपंथी दलों एवं अन्य विपक्षी दलों के सदस्य संसद के मकर द्वार के पास एकत्र हुए।

उन्होंने हाथों में पोस्टर लिए हुए थे और नारे लगाते हुए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया को वापस लेने की मांग की। यह विपक्षी दलों के सांसदों के संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन का 15वां दिन है। प्रदर्शनकारी सांसदों के सामने लगाए गए एक बैनर पर लिखा था ‘‘हमारा वोट, हमारा अधिकार, हमारी लड़ाई।’’

प्रदर्शनकारी सांसदों द्वारा लिए गए एक अन्य बैनर पर लिखा था ‘‘एसआईआर – साइलेंट इनविजिबल रिगिंग’’। प्रियंका गांधी समेत कई सांसद सफेद टी-शर्ट पहने नजर आए, जिन पर ‘मिंता देवी’ का नाम और उनकी तस्वीर छपी थी और पीछे ‘124 नॉट आउट’ लिखा था।

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मिंता देवी पहली बार मतदाता बनी

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने आरोप लगाया कि राजीव कुमार और ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में केंद्रीय निर्वाचन आयोग भाजपा का एक विभाग बन गया है। उन्होंने विरोध प्रदर्शन में भाग लेते हुए आरोप लगाया, ‘‘मिंता देवी पहली बार मतदाता बनी हैं और उनकी उम्र 124 साल है। मतदाता सूची में उनका नाम पहली बार मतदाता के रूप में दर्ज है। हम ऐसे मुद्दों पर चर्चा चाहते हैं। निर्वाचन आयोग भाजपा की पार्टी कैसे बन गया है? मतदाता सूची इस तरह के फर्जीवाड़े से भरी हुई है।’’

एसआईआर के खिलाफ प्रदर्शन

सांसदों ने निर्वाचन आयोग और सरकार के बीच मिलीभगत का आरोप लगाते हुए पोस्टरों के साथ-साथ ‘‘स्टॉप एसआईआर’ और ‘वोट चोरी’ लिखे पोस्टर भी लिए हुए थे। विपक्ष संसद के दोनों सदनों में एसआईआर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है और आरोप लगा रहा है कि चुनाव आयोग की इस कवायद का उद्देश्य इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों से पहले ‘मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करना’ है। वे दोनों सदनों में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे हैं।

संसद भवन से निर्वाचन आयोग कार्यालय तक मार्च

बता दें कि बिहार में एसआईआर को लेकर संसद में गतिरोध बना हुआ है। सोमवार को, राहुल गांधी, खरगे और शरद पवार सहित विपक्षी सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची में संशोधन और कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ संसद भवन से निर्वाचन आयोग कार्यालय तक मार्च निकाला, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोका और कुछ देर के लिए हिरासत में ले लिया था।

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