पुलिवेंदुला (आंध्र प्रदेश), 12 अगस्त (भाषा) आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला में जिला परिषद क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्र (जेडपीटीसी) का उपचुनाव मंगलवार को हंगामे के साथ शुरू हुआ और पुलिस ने स्थानीय युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सांसद वाई एस अविनाश रेड्डी को हिरासत में ले लिया।
पुलिस ने वाईएसआरसीपी और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के एक-एक नेता को नजरबंद भी कर दिया।
मंडल परिषद क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्र (एमपीटीसी) के चुनाव रामकुप्पम (चित्तूर जिला), करेमपुडी (पलनाडु जिला) और विदावलुरु (नेल्लोर जिला) में हो रहे हैं, जबकि जिला परिषद क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्र (जेडपीटीसी) के चुनाव पुलिवेंदुला और वोंटीमिट्टा (वाईएसआर कडप्पा जिला) में हो रहे हैं।
सांसद रेड्डी ने उन्हें हिरासत में लेने की पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे अत्याचार बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा बिना किसी सूचना या कारण के किया गया। उन्होंने दावा किया कि तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के सैकड़ों समर्थक पुलिवेंदुला में घुस गए, फिर भी उन लोगों के खिलाफ कोई पुलिस कार्रवाई नहीं की गई।
वाईएसआरसीपी ने भी अपने सांसद का समर्थन किया।
वाईएसआरसीपी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘आज सुबह पुलिवेंदुला में अविनाश रेड्डी की गिरफ्तारी पुलिस की एक क्रूर कार्रवाई है। यह गिरफ्तारी बिना किसी पूर्व सूचना या वैध कारण के की गई।’’
अविनाश रेड्डी कथित तौर पर तेज बुखार से पीड़ित हैं और उन्होंने चप्पलें भी नहीं पहनी थी। उन्होंने मिन्नतें कीं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें घसीटकर ले जाया गया। विज्ञप्ति में आरोप लगाया गया है कि विरोध करने की कोशिश कर रहे उनके समर्थकों के साथ ‘‘दुर्व्यवहार’’ किया गया।
विपक्षी दल ने आरोप लगाया कि कथित बूथ कब्जाने की सांसद की शिकायतों को नजरअंदाज किया गया, जिससे निष्पक्षता पर संदेह पैदा होता है।
सांसद ने पुलिस पर तेदेपा समर्थकों की तरह काम करने और वाईएसआरसीपी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने यह भी दावा किया कि मतदान अभिकर्ताओं पर तब हमला किया गया जब ‘‘तेदेपा के सौ से ज्यादा हथियारबंद सदस्य पास में ही इंतजार कर रहे थे।’’
पुलिस द्वारा ले जाए जाने से पहले अविनाश रेड्डी ने कहा, ‘‘इस तरह की कार्रवाइयां पुलिस के पक्षपात और राजनीतिक हस्तक्षेप को उजागर करती हैं, जिसका उद्देश्य पुलिवेंदुला में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावी माहौल को बिगाड़ना है।’’
इस बीच, पुलिस ने वाईएसआरसीपी नेता एसवी सतीश रेड्डी को भी मतदान शुरू होने से पहले ही नजरबंद कर दिया, जिसे पार्टी नेताओं ने अलोकतांत्रिक करार दिया और आरोप लगाया कि इस तरह की कार्रवाई करके उन्हें जनता से मिलने-जुलने से रोका गया।
विपक्षी दल ने राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) से तुरंत हस्तक्षेप करने और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने, पुलिस के हस्तक्षेप को रोकने और वाईएसआरसीपी कार्यकर्ताओं एवं नेताओं के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करने का आग्रह किया।
वाईएसआरसीपी के अनुसार, चुनाव के शुरुआती घंटों में अभूतपूर्व अराजकता देखी गई और तेदेपा नेताओं ने कथित तौर पर सुबह 15 मतदान केंद्रों पर कब्जा कर लिया, यहां तक कि मतदान अभिकर्ताओं को भी अंदर जाने से रोक दिया, जिससे गंभीर अराजकता फैल गई।
वाईएसआरसीपी ने तेदेपा समर्थकों पर सत्तारूढ़ गठबंधन, पुलिस और अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके मतदान केंद्रों पर कब्जा करने, हिंसा करने और मतदाताओं को डराने-धमकाने का आरोप लगाया।
वाईएसआरसीपी ने इसे राज्य प्रायोजित चुनाव पर डाका डालना करार दिया और मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर लोकतंत्र को कुचलने तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जनादेश को रोकने के लिए कथित तौर पर पुलिस बल का इस्तेमाल करने और उपद्रवियों को संगठित करने का आरोप लगाया।
इसी तरह, नजरबंद किए गए तेदेपा के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) राम गोपाल रेड्डी ने पुलिस की कार्रवाई के कारणों पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं थी। हालांकि, उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग के रवैये की आलोचना की।
तेदेपा की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में राम गोपाल रेड्डी ने कहा, ‘‘मैंने कोई आपत्ति नहीं जताई है और मतदान केंद्रों का दौरा करने से बचूंगा। हालांकि, मेरा मानना है कि चुनाव के दौरान तेदेपा नेताओं को गिरफ्तार करना अनुचित और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के विरुद्ध है।’’
इन आरोपों पर सरकार या तेदेपा की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
भाषा सुरभि सुरेश
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