लखनऊ, 12 अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के 61 लाख गरीब बुजुर्गों को वृद्धा पेंशन देने के अपने वादे को वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में ही पूरा कर लिया है। राज्य सरकार की ओर से मंगलवार को एक बयान में यह जानकारी दी गयी।
बयान के मुताबिक अब सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 67.50 लाख पात्र बुजुर्गों तक पेंशन की राशि पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
इससे पहले, बीते वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ही सरकार ने अपने लक्ष्य के अनुरूप 56 लाख गरीब बुजुर्गों के खाते में 1,000 रुपये प्रतिमाह की दर से पेंशन की राशि देकर उनकी आर्थिक सहायता कर चुकी है।
एक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने समाज कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2025-26 में वृद्धावस्था पेंशन योजना में पेंशन धारकों का लक्ष्य 61 लाख निर्धारित किया था, जिसे पहले ही वित्त वर्ष में प्राप्त कर आगे का नया लक्ष्य तय किया है।
बयान में कहा गया कि इस महत्वपूर्ण फैसले से सरकार ने प्रदेश के बुजुर्गों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है। साथ ही पेंशन की प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाया है, जिससे पेंशन सीधे आधार से जुड़े लाभार्थी के खाते में जाती है।
इससे सरकारी धन का सदुपयोग सुनिश्चित होता है और लाभार्थी बिना किसी देरी के लाभ पाते हैं।
वृद्धावस्था पेंशन योजना सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों का प्रमुख हिस्सा है, जो बुजुर्गों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने पर केंद्रित है।
इस योजना के तहत 60 वर्ष से अधिक उम्र के आर्थिक रूप से कमजोर वृद्धजनों को प्रतिमाह 1,000 रुपये की पेंशन प्रदान की जाती है।
प्रदेश सरकार ने इस योजना को शुरू से ही प्राथमिकता दी है। वर्ष 2017 में जब योजना का विस्तार शुरू हुआ, तब लाभार्थियों की संख्या 37.47 लाख थी, जो आज बढ़कर 67.50 लाख के लक्ष्य तक पहुंच गई है। यह वृद्धि सरकार की सक्रियता का नतीजा है, जहां विकासखंड और ग्राम पंचायत स्तर पर पात्र बुजुर्गों को चिह्नित किया गया।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर यदि तय लक्ष्य से अधिक पात्र मिलते हैं, तो उन्हें भी योजना में शामिल किया जाता है।
भाषा
जफर, रवि कांत रवि कांत