नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) सरकार ने राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन (एनजीएचएम) के तहत 8.62 लाख टन प्रतिवर्ष ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता 18 कंपनियों को और 3,000 मेगावॉट इलेक्ट्रोलाइजर निर्माण क्षमता 15 कंपनियों को आवंटित की है।
केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में मंगलवार को बताया कि मिशन का उद्देश्य भारत को ग्रीन हाइड्रोजन और उसके उत्पादों का वैश्विक केंद्र बनाना है। उन्होंने बताया कि इस उद्देश्य के लिए अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों को बढ़ावा देने के साथ निवेश को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के अंतर्गत ‘साइट’ (स्ट्रैटेजिक इंटरवेंशन फॉर ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजिशन) योजना में उत्पादन और इलेक्ट्रोलाइजर निर्माण के लिए वित्तीय प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। इस योजना के तहत इस्पात क्षेत्र में ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग के लिए सात पायलट परियोजनाएं और सड़क परिवहन क्षेत्र के लिए पांच पायलट परियोजनाएं मंजूर की गई हैं।
नाइक ने कहा कि परिवहन क्षेत्र की परियोजनाओं में कुल 37 वाहन (बसें और ट्रक) और नौ हाइड्रोजन रीफ्यूलिंग स्टेशन शामिल हैं, जो देशभर में 10 अलग-अलग मार्गों पर संचालित होंगे। इसके अलावा, हाइड्रोजन उत्पादन, अनुप्रयोग और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास के लिए 23 परियोजनाएं विभिन्न संस्थानों को दी गई हैं।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि अप्रैल 2025 में ‘ग्रीन हाइड्रोजन सर्टिफिकेशन स्कीम ऑफ इंडिया’ (जीएचसीआई) जारी की गई है, जिसका उद्देश्य देश में उत्पादित ग्रीन हाइड्रोजन के प्रमाणीकरण के लिए पारदर्शी और विश्वसनीय तंत्र स्थापित करना है।
भाषा
मनीषा माधव
माधव