जम्मू, 12 अगस्त (भाषा) कश्मीर में 11,500 फुट ऊंचाई पर कौसर नाग झील की चार दिवसीय वार्षिक तीर्थयात्रा संपन्न हो गई। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में आधार शिविर पर श्रद्धालुओं के एक समूह के लौटने के साथ ही इस यात्रा का समापन हुआ।
रियासी से गोरवन और कौसर गली तक का तीर्थ यात्रा मार्ग रियासी जिले के अधिकार क्षेत्र में आता है, जबकि कौसर गली से पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला में ओलिगोट्रोफिक झील तक का मार्ग कुलगाम जिले के अंतर्गत है।
रियासी के विधायक कुलदीप राज दुबे और उपायुक्त निधि मलिक ने सात अगस्त को शिव मंदिर रियासी से संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर इस यात्रा को रवाना किया था।
पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अप्रत्याशित हिमालयी मौसम और चुनौतीपूर्ण रास्तों के बावजूद, यात्रा सुरक्षित और सुचारू रूप से पूरी हुई। सुरक्षा बलों, प्रशासनिक टीम और समर्पित स्वयंसेवकों की संयुक्त प्रतिबद्धता ने यह सुनिश्चित किया कि यात्रियों को न केवल आध्यात्मिक संतुष्टि मिले, बल्कि वह एक आरामदायक और सुरक्षित तीर्थयात्रा भी कर सकें।’’
उन्होंने बताया कि पहले दिन तीर्थयात्रियों ने सड़क मार्ग से 99 किलोमीटर की यात्रा की और वह सुंगरी शिविर पहुंचे, जहां उन्होंने रात्रि विश्राम किया। फिर 26 किलोमीटर सड़क मार्ग से सरसोटे शिविर पहुंचे और फिर अगले दिन 11 किलोमीटर पैदल चलकर सारी शिविर पहुंचे।
प्रवक्ता ने बताया कि तीसरे दिन यात्री सारी शिविर से पवित्र कौसर नाग झील के लिए 17 किलोमीटर की यात्रा पर निकले और पवित्र स्थल पर पूजा अर्चना की, जिसके बाद रात्रि विश्राम के लिए सारी शिविर तक पैदल लौटे।
प्रवक्ता ने बताया कि सरसोटे शिविर के लिए वापसी यात्रा चौथे दिन शुरू हुई जिसके बाद रियासी तक सड़क मार्ग से यात्रा की गई और उसी के साथ चार दिवसीय वार्षिक तीर्थयात्रा पूरी हुई।
प्रवक्ता ने बताया कि जिले भर से आए तीर्थयात्रियों ने बेहतर व्यवस्था, मजबूत सुरक्षा उपायों और यात्रा के दौरान आतिथ्य सत्कार के लिए आभार व्यक्त किया।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष की यात्रा में नागरिक प्रशासन, पुलिस, सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), ग्राम रक्षा गार्ड और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) का उल्लेखनीय योगदान रहा।
भाषा यासिर नरेश
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