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Friday, August 15, 2025

बिहार की गंडक नदी में घड़ियालों की संख्या बढ़कर 372 हुई, पांच वर्षों में 113 की वृद्धि

Newsबिहार की गंडक नदी में घड़ियालों की संख्या बढ़कर 372 हुई, पांच वर्षों में 113 की वृद्धि

(प्रमोद कुमार)

पटना, 12 अगस्त (भाषा) बिहार की गंडक नदी में मछली खाने वाले घड़ियालों की संख्या बढ़कर 372 हो गई है जो वर्ष 2020 में 259 थी। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि गंडक नदी देश में चंबल अभयारण्य के बाद घड़ियालों का दूसरा सबसे बड़ा प्रजनन स्थल है।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव हरज्योत कौर बमराह ने बताया कि भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट (डब्ल्यूटीआई) के परियोजना विशेषज्ञों और स्थानीय निगरानीकर्ता राज्य में घड़ियालों के जमावड़े वाले स्थानों पर निगरानी रख रहे हैं।

बमराह ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया, ‘‘घड़ियालों की संख्या में हुई वृद्धि महत्वपूर्ण है और इसने वन विभाग अधिकारियों एवं पर्यावरणविदों को उत्साहित किया है। नदी में घड़ियालों को छोड़े जाने के बाद उनकी संख्या जो 2015 में 54 थी, वह अब बढ़कर 372 हो गई है।

उन्होंने कहा कि 24 फरवरी से 4 मार्च के दौरान गंडक बैराज से सोनेपुर-हाजीपुर ब्रिज तक 326 किलोमीटर के नदी क्षेत्र में किए गए एक सर्वेक्षण में देखा गया कि घड़ियालों की कुल संख्या में 62 वयस्क (नर), 98 उप-वयस्क, 110 किशोर और 102 बच्चे (आयु करीब एक वर्ष) हैं।

डब्ल्यूटीआई के मुख्य पारिस्थितिकी वैज्ञानिक समीर कुमार सिन्हा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सर्वेक्षण से पता चला है कि नदी में देखे गए घड़ियालों की संख्या में वर्ष 2020 से अब तक 43.6 फीसद की वृद्धि हुई है। आंकड़ों में उनकी संख्या 259 से बढ़कर 326 हो गई है।

बमराह ने कहा, ‘‘यह बिहार में विशेष रूप से गंडक नदी में घड़ियाल संरक्षण प्रयासों में एक बड़ी सफलता है जो चंबल अभयारण्य क्षेत्र के बाद भारत में मछली खाने वाले मगरमच्छों के लिए दूसरा सफल प्रजनन स्थल है।’’

प्रधान मुख्य वन संरक्षक प्रभात कुमार गुप्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पश्चिमी चंपारण जिले की गंडक नदी में ‘‘372 लंबे मूंह वाले घड़ियालों का दिखना’’, बिहार सरकार के वन विभाग अधिकारियों और डब्ल्यूटीआई विशेषज्ञों द्वारा घड़ियाल प्रजनन को पुनर्जीवित करने के लिए पिछले दस वर्षों में किए गए ठोस संरक्षण प्रयासों का ही परिणाम है।

इस वर्ष गंडक नदी के छह खंडों – गंडक बैराज-पनियाहवा, पनियाहवा-रतवल, रतवल-मंगलपुर, मंगलपुर-डुमरिया, डुमरिया-रीवा और रीवा-सोनपुर में घड़ियाल जनसंख्या सर्वेक्षण किया गया।

गुप्ता ने कहा, ‘‘सभी आकारों के 372 घड़ियालों का देखा जाना अत्यंत संतोष की बात है। डब्ल्यूटीआई के सहयोग से शुरू की गई हमारी घड़ियाल संरक्षण परियोजना अब फलदायी हो रही है।’’

सिन्हा ने कहा, ‘‘हमारी परियोजना ने अपेक्षित परिणाम प्राप्त किए हैं। 2015 से गंडक नदी में घड़ियालों की संख्या में लगभग 400 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। इस परियोजना को शुरू करने से पहले, नदी घड़ियालों के लिए नहीं जानी जाती थी।’’

उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण में देखे गए कुल घड़ियालों में से 92.7 प्रतिशत की तस्वीरें ली गईं।

सिन्हा ने बताया कि छह स्थानों पर वयस्क नर और मादा घड़ियालों का जमावड़ा देखा गया।

भाषा सुमित नरेश

नरेश

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