पुणे, 12 अगस्त (भाषा) कांग्रेस की छात्र शाखा ‘नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया’ (एनएसयूआई) द्वारा विरोध किए जाने के बाद सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय (एसएसपीयू) ने ‘वॉयस ऑफ देवेंद्र’ शीर्षक से आयोजित की जाने वाली भाषण प्रतियोगिता के लिए अधिसूचना वापस ले ली।
एनएसयूआई ने दावा किया था कि विश्वविद्यालय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के छिपे एजेंडे को लागू करने की कोशिश कर रहा है।
विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) शाखा ने पांच अगस्त को अपनी वेबसाइट पर एक अधिसूचना अपलोड की थी और छात्रों से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से प्रेरणा लेते हुए ‘वॉयस ऑफ देवेंद्र’ शीर्षक के तहत आयोजित होने वाली भाषण प्रतियोगिता में भाग लेने की अपील की थी।
सरकारी विश्वविद्यालय के एनएसएस समन्वयक डॉ. सदानंद भोसले ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि विश्वविद्यालय इस प्रतियोगिता का आयोजन नहीं कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘स्वारंभ फाउंडेशन, आईफेलो फाउंडेशन और नासिक प्रतिष्ठान इसके आयोजक थे। इन्होंने विश्वविद्यालय को लिखा था कि वे ‘विकसित महाराष्ट्र’ विषय पर ‘वॉयस ऑफ देवेंद्र’ शीर्षक से एक भाषण प्रतियोगिता आयोजित कर रहे हैं। एनएसएस शाखा को पत्र मिला और हमने वेबसाइट पर अधिसूचना डाल दी, जिसमें कहा गया कि जो लोग भाग लेना चाहते हैं, वे अपना पंजीकरण करा सकते हैं।’’
भोसले ने कहा कि कुछ संगठनों ने यह मान लिया कि विश्वविद्यालय की एनएसएस शाखा यह प्रतियोगिता आयोजित कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने उन्हें बताया कि हम प्रतियोगिता आयोजित नहीं कर रहे हैं और ये इसलिए पोस्ट किया गया था, ताकि इच्छुक छात्र-छात्राएं भाग ले सकें। अब हमने वेबसाइट से अधिसूचना हटा ली है।’’
एनएसयूआई के सदस्यों ने मंगलवार को विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन किया और अधिसूचना को वापस लेने की मांग की।
एनएसयूआई सदस्य अक्षय कांबले ने आरोप लगाया, ‘‘ऐसा लगता है कि इस तरह की प्रतियोगिता के माध्यम से विश्वविद्यालय और एनएसएस शाखा भाजपा के छिपे एजेंडे को लागू कर रही है। हमने अपना विरोध दर्ज कराया और विरोध का सामना करने के बाद एनएसएस शाखा ने अधिसूचना वापस ले ली।’’
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) नेता रोहित पवार ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पहले एसपीपीयू ने कहा कि उन्होंने प्रतियोगिता आयोजित नहीं की थी, लेकिन अब उन्होंने एनएसएस द्वारा जारी अधिसूचना वापस ले ली है, जो विश्वविद्यालय के दोहरे मानदंडों को दर्शाता है।’’
पवार ने कहा कि राजनीतिक एजेंडा लागू करने का मुद्दा सिर्फ एक प्रतियोगिता तक सीमित नहीं है।
उन्होंने लिखा, ‘‘हम इस महीने के अंत तक राजनीतिक रूप से प्रेरित सभी एजेंडे का पर्दाफाश करेंगे।’
भाषा यासिर दिलीप
दिलीप
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