नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) भारत की 2030 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए बोली को बुधवार को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की विशेष आम बैठक (एसजीएम) के दौरान औपचारिक मंजूरी मिल जाएगी क्योंकि देश इस बहु-खेल आयोजन की मेजबानी का मजबूत दावेदार बनकर उभरा है।
आईओए मुख्यालय में एसजीएम का मुख्य एजेंडा ‘भारत में 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के लिए राष्ट्रमंडल खेल (पूर्व सीजीएफ) को बोली प्रस्तुत करने की मंजूरी और इससे संबंधित अन्य कार्य’ है।
एसजीएम में दो अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी जिसमें वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए लेखापरीक्षित खातों के विवरण पर विचार और उसे पारित करना और वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सांविधिक लेखा परीक्षक को नियुक्त करना।
यह एसजीएम बैठक है इसलिए चर्चा केवल तीन उल्लिखित एजेंडे तक ही सीमित रहेगी।
भारत ने 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के लिए पहले ही रुचि पत्र प्रस्तुत कर दिया है। इसमें अहमदाबाद को मेजबान शहर के रूप में चुना गया है। भारत को हालांकि 31 अगस्त की समय सीमा से पहले अंतिम बोली के लिए प्रस्ताव जमा करना होगा।
कनाडा के इस दौड़ से हटने के बाद भारत को इसकी मेजबानी मिलने की संभावना बढ़ गई है।
राष्ट्रमंडल खेलों के निदेशक डैरेन हॉल के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम स्थानों का निरीक्षण करने और गुजरात सरकार के अधिकारियों से मिलने के लिए तीन दिवसीय यात्रा पर अहमदाबाद में है।
राष्ट्रमंडल खेलों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में भारत आने की उम्मीद है।
राष्ट्रमंडल खेलों की महासभा नवंबर के अंतिम सप्ताह में ग्लासगो में मेजबान देश का फैसला करेगी।
राष्ट्रमंडल खेलों की खेल समिति के सदस्य के साथ भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के कार्यकारी समिति के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) हरपाल सिंह ने कहा, ‘‘मेजबान का चयन स्थिरता, एथलेटिक केंद्र, क्षेत्रीय अपील पर आधारित होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि 2030 के खेल की मेजबानी का अधिकार भारत को मिलेगा।’’
भाषा आनन्द सुधीर
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