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Tuesday, August 12, 2025

एसआईआर मुद्दे पर लोकसभा में विपक्ष की नारेबाजी के बीच दो विधेयक पारित, कार्यवाही सोमवार तक स्थगित

Newsएसआईआर मुद्दे पर लोकसभा में विपक्ष की नारेबाजी के बीच दो विधेयक पारित, कार्यवाही सोमवार तक स्थगित

नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) लोकसभा में मंगलवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मुद्दे पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच दो विधेयक पारित किये गए और सदन की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होते ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया, वहीं विपक्षी सदस्य अपने स्थानों पर खड़े होकर एसआईआर मुद्दे पर नारेबाजी करने लगे।

शोर-शराबे के बीच ही अध्यक्ष ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया, लेकिन विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी जारी रहने पर उन्होंने कुछ ही मिनट बाद कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही पुन: शुरू होने पर बिरला ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन का ऐलान किया।

उन्होंने बताया कि न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने वाली समिति में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार, मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मनींद्र मोहन श्रीवास्तव और विधिवेत्ता बी वी आचार्य शामिल होंगे।

इसके बाद, आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए गए। इसी दौरान विपक्ष के सदस्यों ने एसआईआर मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया।

पीठासीन सभापति संध्या राय ने शून्यकाल शुरू कराने का प्रयास किया, लेकिन हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने कार्यवाही दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर अपराह्न तीन बजे तक स्थगित कर दी।

अपराह्न तीन बजे सदन की कार्यवाही फिर शुरू होने पर विपक्ष के हंगामे के बीच भारतीय पत्तन विधेयक, 2025 को संक्षिप्त चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

सरकार ने गत 28 मार्च को यह विधेयक सदन में पेश किया था।

यह प्रस्तावित कानून 1908 के अधिनियम की जगह लेगा और इसके तहत एक समुद्री राज्य विकास परिषद (एमएसडीसी) की स्थापना की जाएगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस विधेयक को फरवरी में मंजूरी प्रदान की थी।

सदन में हंगामा नहीं थमने पर पीठासीन सभापति जगदंबिका पाल ने अपराह्न तीन बजकर 25 मिनट पर कार्यवाही शाम साढ़े चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

सदन की कार्यवाही शाम साढ़े चार बजे फिर शुरू होने के बाद, एसआईआर के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के बीच ‘खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025’ को पारित कर दिया गया।

इसके बाद, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश किया और पीठासीन सभापति से आग्रह किया कि इसे सदन की प्रवर समिति को भेजा जाए। सदन ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।

विपक्षी सदस्यों का हंगामा नहीं थमने पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने विपक्षी दलों के सदस्यों की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने आसन की ओर कागज के टुकड़े फेंक कर सदन की गरिमा को गिराया है।

रीजीजू ने कहा, ‘‘हम लोगों ने जिंदगी भर विपक्ष में बैठकर काम किया है। ऐसा व्यवहार हमने कभी नहीं देखा है। हम लोग भी संघर्ष करते थे, प्रोटेस्ट (विरोध-प्रदर्शन) करते थे, लेकिन हम लोग तरीके से करते थे। आप लोगों ने पूरे सदन की गरिमा को गिराया है। मैं इस बात का खंडन करता हूं। देश आपको माफ नहीं करेगा।’’

इसके बाद, पीठासीन सभापति जगदंबिका पाल ने सदन में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई पर कांग्रेस सदस्यों को आसन के करीब आने और उसकी ओर कागज के टुकड़े फेंकने के लिए उकसाने का आरोप लगाया।

विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी जारी रहने पर पीठासीन सभापति ने सदन की कार्यवाही शाम पांच बजकर छह मिनट पर सोमवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

पांच दिन के अवकाश के बाद सदन की कार्यवाही 18 अगस्त को पुनः आरंभ होगी।

भाषा

सुभाष वैभव सुभाष अविनाश

अविनाश

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