पुणे, 12 अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र कांग्रेस प्रभारी रमेश चेन्नीतला ने मंगलवार को दावा किया कि ‘‘वोट फर्जीवाड़ा’’ पहली बार 2024 के विधानसभा चुनावों के बाद सामने आया और उन्होंने निर्वाचन आयोग पर विपक्षी दलों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
उन्होंने दावा किया कि विपक्षी दलों ने विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में संदिग्ध गड़बड़ियों के बारे में जानकारी दी थी, लेकिन निर्वाचन आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की।
पुणे में कांग्रेस की दो दिवसीय कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित करते हुए चेन्नीतला ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और निर्वाचन आयोग देश में चुनावों के दौरान लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने के लिए मिलीभगत से काम करते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि महा विकास आघाडी (एमवीए) ने महाराष्ट्र में 2024 के लोकसभा चुनाव में ज्यादातर सीट जीती थीं, लेकिन ‘‘वोट चोरी’’ ने पांच महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव में जनादेश को ‘महायुति’ गठबंधन के पक्ष में कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘वोट चोरी का मुद्दा सबसे पहले महाराष्ट्र में उठा था। विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद, हमने चुनाव प्रक्रिया पर संदेह जताया। यह स्पष्ट था कि वोटों की चोरी हुई थी। भाजपा और निर्वाचन आयोग ने मिलकर हमारी जीत छीन ली। हरियाणा में भी यही हुआ और बिहार में भी यही होगा।’’
विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 288 में से 132 सीट, सहयोगी दलों शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने क्रमशः 57 और 41 सीट जीतीं।
मई 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में, महा विकास आघाडी ने 48 में से 30 सीट हासिल कीं।
चेन्नीतला ने कहा कि कांग्रेस जनता तक पहुंचकर और हस्ताक्षर अभियान चलाकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन को तेज करेगी।
भाषा आशीष नेत्रपाल
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