मुंबई, 12 अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र की एक अदालत ने एक लोकसेवक पर हमला करने के सात साल पुराने मामले में पूर्व विधायक बच्चू कडू को मंगलवार को दोषी ठहराते हुए तीन महीने कैद की सजा सुनाई।
अदालत ने कहा कि विधायक होने के नाते कडू को हमला करने का ‘‘लाइसेंस नहीं मिला’’ जाता।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सत्यनारायण नवंदर ने कडू पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
अदालत ने उच्च न्यायालय में अपील दायर करने तक कडू की सजा निलंबित कर दी और उन्हें जमानत दे दी।
इसने कडू को धारा 353 (किसी लोकसेवक को उसके कर्तव्य पालन से रोकने के लिए उस पर हमला करना या आपराधिक बल का प्रयोग करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी ठहराया जबकि उन्हें जानबूझकर अपमान करने के आरोप से बरी कर दिया।
अदालत ने कहा, “इसमें कोई दो राय नहीं कि किसी विशेष विभाग के शासन या प्रबंधन या फिर सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं के दौरान परीक्षाओं के आयोजन को लेकर भी शिकायतें हो सकती हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोई भी जनप्रतिनिधि ऐसे ही अधिकारी के पास पहुंचकर उस पर हिंसक हमला करेगा,उसे धमकाएगा और उसके कामकाज में बाधा डालेगा।”
न्यायाधीश ने कहा, “सिर्फ इसलिए कि आरोपी एक मौजूदा विधायक था,उसे किसी लोक सेवक को आपराधिक रूप से धमकाकर या उसके कार्यालय में हमला करके उसे रोकने का अधिकार नहीं मिल जाता।”
यह घटना 26 सितंबर, 2018 को उस समय हुई थी, जब प्रहार जनशक्ति पार्टी के संस्थापक कडू मुंबई में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तत्कालीन निदेशक, आईएएस अधिकारी प्रदीप पी. के कार्यालय में गए थे।
भाषा जितेंद्र नेत्रपाल संतोष
संतोष