लखनऊ, 13 अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को ” विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश” विषय पर आयोजित विशेष चर्चा में राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने 2047 तक प्रदेश को देश का सबसे विकसित राज्य बनाने का संकल्प लिया और इसकी रूपरेखा प्रस्तुत की।
वहीं, राज्य के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने कहा कि कोई भी विजन ज्यादा से ज्यादा पांच साल का होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष 22 बाद का विजन बता रहा है जो जनता को ‘लॉलीपॉप’ देने जैसा है।
सदन में 24 घंटे तक चलने वाली इस चर्चा के लिए संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के प्रस्ताव पर सरकार की ओर से उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह समेत वरिष्ठ मंत्रियों ने 2047 तक उत्तर प्रदेश को देश का सबसे विकसित राज्य बनाने का संकल्प दोहराया।
सपा के वरिष्ठ सदस्य शिवपाल सिंह यादव ने कहा, ”आज भाजपा सरकार सदन में 2047 का सपना लेकर आयी है। 2047 यानी जब आज के नौजवान अपने बच्चों के बच्चों को स्कूल छोड़ रहे होंगे, सरकार कह रही है कि हम तब विकास करेंगे।”
यादव ने कहा, ”22 सालों में जो आज जवान हैं, वे और बूढ़े हो जाएंगे…मैं पूछना चाहता हूं कि इस विजन से उनको क्या लाभ मिलेगा।”
शिवपाल सिंह यादव ने कहा, ”विजन ज्यादा से ज्यादा पांच साल का होना चाहिए और आज आप लोग 2047 का, 22 साल बाद का, विजन बता रहे हैं। हम कहना चाहते हैं कि यह कोई विजन नहीं, यह लॉलीपॉप है। पहले 2022 के घोषणा पत्र का हिसाब होना चाहिए, भविष्य की बातें बाद में होंगी, पहले अतीत का हिसाब होना चाहिए।”
उन्होंने विषयवार समस्याओं को गिनाते हुए कहा कि 2022 के चुनाव में भाजपा ने क्या-क्या वादे किए और क्या 2025 में सभी वादे पूरे हो गये? पूर्व मंत्री ने कहा कि वे वादे पूरे नहीं हुए हैं, तो कैसे (2047 के विजन) उम्मीद करें।
यादव ने कहा, “भाजपा का मतलब भविष्य का झुनझुना और वर्तमान का उजड़ा चमन है।”
इसके बाद उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने विपक्षी दलों खासतौर से पूर्ववर्ती सपा की सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि 2017 से पहले प्रदेश में अवसंरचना और कानून-व्यवस्था की स्थिति दयनीय थी तथा हत्या, डकैती, और बलात्कार जैसे अपराध करने वाले अपराधियों को सरकारी संरक्षण प्राप्त था, लेकिन अब उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक एक्सप्रेस-वे हैं और 75 जिलों को फोर-लेन सड़कों से जोड़ा गया है।
पाठक जब बोल रहे थे तब सपा के सदस्यों ने विरोध किया और उन्होंने शोर शराबे के बीच अपनी बात रखी।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश गेहूं, दुग्ध, और चीनी उत्पादन में देश में नंबर एक है। उपमुख्यमंत्री के मुताबिक, स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिसमें 80 मेडिकल कॉलेज, रायबरेली और गोरखपुर में एम्स, और एमबीबीएस की 5,250 सीटें शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत साढ़े पांच करोड़ कार्ड बनाए गए हैं तथा मच्छर जनित रोगों पर नियंत्रण पा लिया गया है और टीबी, मलेरिया व जल जनित रोगों का पूर्ण उन्मूलन करने का लक्ष्य है।
पाठक ने कहा कि हर मंडल में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर स्थापित किए जाएंगे तथा मधुमेह, रक्तचाप और कैंसर जैसे रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए रोग निगरानी और रोकथाम प्रणाली विकसित की जाएगी।
जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने ‘डबल इंजन’ सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य कहा जाता था, जहां निवेशक और व्यापारी पलायन कर रहे थे, लेकिन अब प्रदेश ने राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्राप्त किया है।
उन्होंने जल शक्ति विभाग की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि 76,527 किलोमीटर नहरों के माध्यम से एक करोड़ चार लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई उपलब्ध कराई गई है।
नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री के विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए उत्तर प्रदेश तेजी से काम कर रहा है।
उन्होंने 2017 से पहले की बिजली व्यवस्था की बदहाली का जिक्र करते हुए बताया कि गांवों में न खंभे थे, न तार, और बिजली बिलों में घोटाले होते थे, लेकिन अब प्रदेश में 32,000 मेगावाट की पीक डिमांड पूरी की जा रही है, जबकि वर्ष 2012 से 2017 के बीच यह मांग 13,000 मेगावाट के आसपास थी।
शर्मा ने कहा कि नगरीय प्रबंधन में भी प्रगति हुई है, जिसमें लखनऊ को देश के तीन सबसे स्वच्छ शहरों में शामिल किया गया है।
इसके पूर्व सदन में सपा के सदस्यों ने अपनी मांगों की तख्तियां लहराई। नारे लगाए।
संसदीय कार्य मंत्री खन्ना ने कहा कि 2022 के चुनावों में 2017 के संकल्प पत्र के आधार पर जनता ने भाजपा सरकार को अपना जनादेश दिया। उन्होंने सपा की ओर इशारा करते हुए आरोप लगाया कि इनका काम केवल अराजकता फैलाना है।
विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडेय ने कहा, “अराजकता हम नहीं फैलाते, आप फैलाते हैं।” उन्होंने चर्चा का समय बढ़ाने की मांग की।
कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने भी चर्चा का समय बढ़ाने की मांग की।
सपा के संग्राम सिंह यादव ने कहा कि 2017 और 2022 में जो संकल्प लिया गया था, उसे तो भाजपा सरकार पूरा नहीं कर पायी है और अब वे 2047 का कौन सा सपना दिखा रहे हैं।
भाषा आनन्द नोमान
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