नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) प्रमुख वाहन विनिर्माता महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) भारत एवं ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) होने के बाद बेहतर कारोबारी अवसरों का लाभ उठाने के लिए ब्रिटेन को अपने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का निर्यात करने की योजना बना रही है।
एमएंडएम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक अनीश शाह ने पीटीआई-वीडियो के साथ खास बातचीत में यह जानकारी दी।
शाह ने कहा कि घरेलू बाजार में अग्रणी ईवी विनिर्माता के तौर पर एमएंडएम की योजना है कि 2030 तक उसकी कुल बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत हो।
कंपनी ने अपने इलेक्ट्रिक मॉडल के डिजाइन केंद्र के तौर पर 2022 में ब्रिटेन के ऑक्सफोर्डशायर स्थित बैनबरी में ‘महिंद्रा एडवांस्ड डिजाइन यूरोप’ (एम.ए.डी.ई) केंद्र की शुरुआत की थी।
शाह ने भारत एवं ब्रिटेन के बीच पिछले महीने हुए एफटीए के फायदे के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘हम अब ब्रिटेन को अपने इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्यात करने जा रहे हैं और इससे ब्रिटेन में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने एवं प्रतिस्पर्धा करने की राह आसान होगी।’’
उन्होंने कहा कि एफटीए से देश में नवोन्मेषण एवं विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलना चाहिए।
शाह ने कहा कि भारत के पास दुनिया का वाहन विनिर्माण केंद्र बनने की क्षमता है और वैश्विक कंपनियों का यहां निर्माण करना प्रतिस्पर्धा एवं गुणवत्ता दोनों को बढ़ाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम दुनिया की बेहतरीन कंपनियों को भारत में आकर विनिर्माण करते हुए देखना चाहते हैं। इससे कारोबार को तेजी मिलेगी। प्रतिस्पर्धा बढ़ने से हम भी समय के साथ बेहतर होंगे।’’
एमएंडएम के शीर्ष अधिकारी ने टेस्ला और विनफास्ट जैसे विदेशी ईवी विनिर्माताओं को भारत में मिली मंजूरी पर कहा कि प्रतिस्पर्धा से कंपनी मजबूत हुई है और यह उपभोक्ताओं के लिए भी फायदेमंद है।
महिंद्रा की एसयूवी बाजार हिस्सेदारी पिछली तिमाही में 5.7 प्रतिशत अंक बढ़कर 27 प्रतिशत पर पहुंच गयी।
उन्होंने कहा कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उत्पाद शृंखला का विस्तार करते हुए कंपनी नेतृत्व बनाए रखने पर केंद्रित रहेगी।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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