नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने बुधवार को दावा किया कि बिहार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विरोध में प्रदर्शन कर रहे उसके कई छात्र नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
यह विरोध प्रदर्शन विश्वविद्यालय के गेट के बाहर हुआ।
निर्वाचन आयोग बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कर रहा है। विपक्ष ने दावा किया था कि इस प्रक्रिया से करोड़ों पात्र नागरिक मताधिकार से वंचित हो जाएंगे और मसौदा मतदाता सूची एक अगस्त को प्रकाशित की गई थी।
अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित होने वाली है।
छात्र संघ ने एक बयान में आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने विरोध प्रदर्शन के दौरान कई पदाधिकारियों और अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) के सदस्यों को हिरासत में लिया।
छात्र संघ ने कहा कि पुलिस की यह कार्रवाई ‘मौजूदा शासन में असहमति को दबाने के व्यापक तरीके की एक भयावह प्रतिध्वनि है’।
छात्र संघ ने कहा कि छात्र निर्वाचन आयोग की ‘बहिष्कारकारी’ नीतियों का विरोध करने के लिए शांतिपूर्वक लामबंद हो रहे थे।
छात्र संघ ने दावा किया कि एसआईआर से मतदाताओं को मताधिकार से वंचित होना पड़ेगा।
प्रदर्शन स्थल पर लगे एक पोस्टर पर लिखा था, “निर्वाचन आयोग को विपक्ष के सवालों का जवाब देना चाहिए।”
विपक्ष संसद में एसआईआर प्रक्रिया का विरोध कर रहा है और दोनों सदनों में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है।
मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा और शरद पवार सहित ‘इंडिया’ गठबंधन के सांसदों ने सोमवार को संसद से निर्वाचन आयोग मुख्यालय तक मार्च निकाला और आयोग पर 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान ‘वोट धोखाधड़ी’ का आरोप लगाया तथा एसआईआर के खिलाफ प्रदर्शन किया।
भाषा जितेंद्र मनीषा
मनीषा