श्योपुर (मध्यप्रदेश), 13 अगस्त (भाषा) मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में एक मादा चीता ‘ज्वाला’ भटक कर करीब 100 किलोमीटर दूर पड़ोसी राज्य राजस्थान चली गई, जहां से उसे वापस उसके घर लाया गया। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
चीता परियोजना के एक अधिकारी ने बताया कि ‘ज्वाला’ ने सोमवार को दिन के समय अंतरराज्यीय सीमा पार की और इस दौरान वह रिहायशी इलाकों से भी गुजरी।
अधिकारी ने बताया कि चीते और लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जानवर को वापस लाने का फैसला किया गया।
अधिकारी ने बताया, ‘‘12 अगस्त को राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले के करीरा कलां गांव से मादा चीता ‘ज्वाला’ को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में बचाया गया। लोगों की भारी भीड़ के बीच चीते को बचाया गया।’’
उन्होंने कहा कि चीते को बेहोश करने के बाद बचावकर्मियों ने उसे काबू में लिया।
अधिकारी ने बताया कि चीते ने एक बकरी का शिकार किया था और बचाव दल ने उसे बाड़े में ले जाने के लिए चतुराई से बकरी का इस्तेमाल किया।
उन्होंने बताया कि सफल बचाव अभियान के बाद चीते को कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में स्थानांतरित कर दिया गया है।
अधिकारी ने बताया कि केएनपी प्रबंधन ने अभियान में सहयोग के लिए राजस्थान पुलिस और वन विभाग के कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
वर्तमान में, केएनपी में 26 चीते हैं जिनमें नौ वयस्क (छह मादा और तीन नर) और भारत में जन्मे 17 शावक हैं। इससे पहले एक अधिकारी ने बताया था कि सभी स्वस्थ हैं और ठीक हैं।
अधिकारी ने बताया कि 26 चीतों में से 16 जंगल में खुलेआम घूम रहे हैं और उन्होंने राष्ट्रीय उद्यान के आवास के अनुकूल खुद को ढाल लिया है, सह-परभक्षियों के साथ रहना सीख लिया है और नियमित रूप से शिकार कर रहे हैं।
इसके अलावा, केएनपी से गांधी सागर अभयारण्य में स्थानांतरित किए गए दो नर चीते भी ठीक हैं।
इससे पहले, आठ नामीबियाई चीतों -पांच मादा और तीन नर – को 17 सितंबर, 2022 को कुनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया, जो भारत में उन्हें फिर से बसाने के प्रयासों का हिस्सा था।
फरवरी 2023 में बारह और चीतों को दक्षिण अफ्रीका से कुनो स्थानांतरित किया गया।
भाषा सं ब्रजेन्द्र
नोमान
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