बेंगलुरु, 13 अगस्त (भाषा) कर्नाटक में विपक्षी दलों के विधायकों ने बुधवार को सरकार से राज्य में आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए उच्चतम न्यायालय के निर्देशों को लागू करने और लोगों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने का आग्रह किया।
विधायकों ने विधान सौध और विधायकों के आवास के पास आवारा कुत्तों की समस्या को उठाया और विधानसभा अध्यक्ष से हस्तक्षेप की मांग की।
उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर के अधिकारियों को ‘‘जल्द से जल्द’’ सभी आवारा कुत्तों को सड़कों से स्थायी रूप से आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है, जिस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विधायकों ने यह मांग की है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि आवारा कुत्तों के काटने से रेबीज की समस्या उत्पन्न होने के कारण स्थिति ‘‘बेहद गंभीर’’ है।
विधायकों ने दो कॉलेज छात्रों पर आवारा कुत्तों के हमले के एक दिन बाद यह मांग की है। घटना केंगेरी के निकट ज्ञानभारती परिसर में हुई थी।
प्रश्नकाल के तुरंत बाद इस मुद्दे को उठाते हुए विधानसभा में जनता दल (सेक्युलर) के नेता सी बी सुरेश बाबू ने कहा कि यदि राज्य के सभी निगम उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार कार्रवाई करें तो इससे बच्चों की सुरक्षा होगी।
भाजपा के वरिष्ठ विधायक सुरेश कुमार ने कहा कि न्यायालय के निर्देशों को देश के सभी हिस्सों में लागू किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले छह महीने में बेंगलुरु में कुत्तों के काटने के 18,000 मामले सामने आए हैं और 18 लोग रेबीज से संक्रमित हुए हैं। इसे बेंगलुरु, मंगलुरु, मैसूरु और अन्य जगहों पर भी लागू किया जाना चाहिए।’’
दिल्ली को दिए गए न्यायालय के निर्देश के मद्देनजर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंगलवार को कहा कि आवारा कुत्तों को उपद्रवी मानकर उन्हें ‘हटाना’ शासन नहीं है, यह ‘‘क्रूरता’’ है।
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जोहेब नेत्रपाल
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