पालनपुर, 13 अगस्त (भाषा) गुजरात में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) उत्तीर्ण करने वाली 18 वर्षीय एक लड़की की झूठी शान की खातिर हत्या किए जाने का अंदेशा है। पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
दांता संभाग की सहायक पुलिस अधीक्षक सुमन नाला ने बताया कि बनासकांठा जिले की रहने वाली लड़की की 24 जून को उसके पैतृक गांव में उसके पिता और दो चाचाओं ने मिलकर कथित रूप से हत्या कर दी थी।
लड़की, अखिल भारतीय मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए पालनपुर शहर आई थी और इस दौरान वह एक व्यक्ति के साथ लिव इन संबंध में रहने लगी।
सुमन ने बताया, “लड़की ने कुछ महीने पहले परीक्षा दी थी लेकिन अब भी यह स्पष्ट नहीं है कि वह चिकित्सक बनना चाहती थी या नर्स। हाल ही में घोषित परिणामों के अनुसार, उसने अच्छे अंकों से परीक्षा पास की है।”
सुमन के मुताबिक, लड़की के साथ लिव इन संबंध में रह रहे हरेश चौधरी की शिकायत पर जिले की थराद थाना पुलिस ने छह अगस्त को मृतका के पिता सेंधाभाई पटेल और चाचा शिवरामभाई पटेल के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया क्योंकि वे इस रिश्ते के खिलाफ थे।
अधिकारी ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पुलिस ने शिवरामभाई को गिरफ्तार कर लिया और नारन पटेल नाम के एक व्यक्ति का नाम सह-आरोपी के रूप में मामले में जोड़ दिया गया।
सुमन ने बताया, “हमने नारन पटेल को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। वह शिवरामभाई और सेंधाभाई का चचेरा भाई है, जो अब भी फरार है।”
सुमन ने बताया कि दो सप्ताह पहले वडगामडा गांव निवासी चौधरी की शिकायत पर लड़की की मौत के मामले की जांच शुरू की गई थी।
चौधरी ने शिकायत में आरोप लगाया था कि लड़की के रिश्तेदारों ने उसकी हत्या की होगी क्योंकि वे उनके रिश्ते के खिलाफ थे और उसकी शादी किसी अन्य व्यक्ति से करवाना चाहते थे।
प्राथमिकी के अनुसार, चौधरी पहले से शादीशुदा और एक बच्चे का पिता है।
प्राथमिकी में बताया गया कि चौधरी ने लड़की को थराद कस्बे से पालनपुर तक लिफ्ट दी थी, जिसके बाद दोनों के बीच प्यार हो गया।
सुमन ने बताया कि यह अब तक स्पष्ट नहीं है कि चौधरी ने लड़की को अपनी वैवाहिक स्थिति के बारे में बताया था या नहीं।
उन्होंने बताया कि मई में दोनों अहमदाबाद भाग गए, जहां उन्होंने लिव इन संबंध के लिए एक औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर किए और इसके बाद वे मध्यप्रदेश और राजस्थान गए।
थराद थाना पुलिस की एक टीम और लड़की के एक रिश्तेदार ने हालांकि 12 जून को उन्हें राजस्थान के एक होटल में ढूंढ निकाला।
सुमन ने बताया कि लड़की को उसके चाचा शिवरामभाई को सौंप दिया गया जबकि चौधरी को कच्छ जिले में मद्यनिषेध अधिनियम के तहत दर्ज एक पुराने मामले में गिरफ्तार कर लिया गया।
चौधरी को 21 जून को जेल से बाहर आने के बाद पता चला कि लड़की ने 17 जून को इंस्टाग्राम पर उसे दो बार मैसेज किया था, जिसमें उसने आशंका जताई थी कि उसके रिश्तेदार उसे जान से मार सकते हैं या उसकी शादी किसी और से कर सकते हैं।
चौधरी ने पुलिस को बताया कि जेल में होने के कारण वह पहले उसके मैसेज नहीं पढ़ पाया था हालांकि बाद में उसने एक वकील से संपर्क किया, जिसने गुजरात उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर लड़की को अदालत में पेश करने का अनुरोध किया।
चौधरी को हालांकि सुनवाई से दो दिन पहले 25 जून को पता चला कि 24 जून की रात को लड़की की मौत हो गई थी और अगली सुबह उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया।
प्राथमिकी के अनुसार, लड़की के पिता और चाचा ने उसे मारने का फैसला किया था क्योंकि उन्हें डर था कि वह शिकायतकर्ता के साथ फिर से भाग सकती है।
सुमन ने बताया, “24 जून की रात जब लड़की थराद के दांतिया गांव में शिवरामभाई के घर पर थी तब उसे नींद की गोलियां मिला दूध पिलाया गया। जब वह बेहोश हो गई तो दोनों ने उसका गला घोंट दिया और अपना अपराध छिपाने के लिए अगली सुबह उसका अंतिम संस्कार कर दिया।”
भाषा जितेंद्र नेत्रपाल नरेश
नरेश
नरेश