जयपुर, 13 अगस्त (भाषा) कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मतदाता सूचियों में कथित अनियमितताओं से संबंधित गंभीर चिंताओं पर स्वतंत्र रूप से प्रतिक्रिया देने के बजाय, भारत निर्वाचन आयोग का बचाव कर रही है।
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट ने जयपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा उठाए गए मुद्दों का जवाब देने के बजाय, भाजपा निर्वाचन आयोग को बचाने के लिए आगे आई है।
उन्होंने कहा, ‘सरकार को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। निर्वाचन आयोग की संवैधानिक और नैतिक ज़िम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करे कि हर वोट असली हो और कोई हेराफेरी न हो।’
पायलट ने भाजपा पर कथित मतदाता धोखाधड़ी की जांच से बचते हुए विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘मामले की जांच करने के बजाय, सरकार राहुल गांधी से हलफनामा मांग रही है। नोटिस जारी किए जा रहे हैं और 200 से ज़्यादा सांसदों को हिरासत में लिया गया है। राहुल गांधी और (कांग्रेस प्रमुख) मल्लिकार्जुन खरगे को हिरासत में लिया गया। लोकतंत्र ऐसे नहीं चलता।’
कांग्रेस नेता ने कहा कि कई निर्वाचन क्षेत्रों में हज़ारों वोट या तो हटा दिए गए या जानबूझकर उनमें हेराफेरी की गई।
उन्होंने कहा, ‘नकली वोट, फर्जी पते और असली नामों को हटाना – ये सब जानबूझकर मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करने की कोशिश की ओर इशारा करते हैं। मतदाता सूची से छेड़छाड़ एक गंभीर अपराध है।’
उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी द्वारा इन मुद्दों को उजागर करने के बाद निर्वाचन आयोग की चुप्पी ने और संदेह पैदा किया।
पायलट ने कहा, ‘निर्वाचन आयोग जवाब क्यों नहीं दे रहा है? भाजपा आयोग की ओर से क्यों बोल रही है? आयोग लोकतंत्र की आत्मा है और इसकी पारदर्शिता और स्वतंत्रता की रक्षा की जानी चाहिए।’
कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी ने निराधार आरोप नहीं लगाए हैं, बल्कि अनियमितताओं के दस्तावेज़ी सबूत पेश किए हैं।
उन्होंने कहा, ‘हमने बस निष्पक्ष जांच की मांग की है। अगर आयोग चुप रहता है, तो यह गंभीर सवाल खड़े करता है।’
पायलट ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर अपना अभियान जारी रखेगी।
भाषा कुंज नोमान
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