सिलचर (असम), 13 अगस्त (भाषा) चरमपंथी तत्वों की संभावित घुसपैठ की कोशिशों को रोकने और अनधिकृत सीमा पार व्यापार पर अंकुश लगाने के लिए असम के कछार जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। आधिकारिक बयान में बुधवार को यह जानकारी दी गई।
कछार जिला आयुक्त मृदुल यादव ने एक आदेश में संवेदनशील सीमावर्ती इलाकों से लोगों, वस्तुओं और मवेशियों की संभावित अवैध आवाजाही की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सीमा पर कुछ वस्तुओं की आवाजाही और परिवहन पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए।
यादव ने कहा, “यह सीमा पर शांति, स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक एहतियाती उपाय है और प्रशासन ऐसी किसी भी गैरकानूनी गतिविधि को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है जो जिले की कानून-व्यवस्था को खतरे में डाल सकती है।”
उन्होंने कहा कि यह कदम ऐसी गतिविधियों की आशंका के कारण उठाया गया है जो क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को बाधित कर सकती हैं।
आदेश के अनुसार, सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच कछार जिले में सीमा के एक किलोमीटर के दायरे में किसी भी व्यक्ति को आने-जाने की अनुमति नहीं है।
इसी प्रकार के प्रतिबंध रात के समय सूरमा नदी और इसके ऊंचे किनारों पर आवाजाही पर भी लागू होते हैं तथा नावों के परिचालन पर विशेष प्रतिबंध लगाए गए हैं।
मछली पकड़ने की अनुमति केवल स्थानीय निवासियों को ही होगी, जिन्हें संबंधित पट्टाधारक के साथ समन्वय करके कटिगोराह क्षेत्राधिकारी से अनुमति लेनी होगी तथा इसकी प्रतियां जिला मजिस्ट्रेट और धोलचेरा में तैनात बीएसएफ की 170वीं बटालियन को भी देनी होंगी।
आदेश में बांग्लादेश की सीमा से लगे पांच किलोमीटर के क्षेत्र में रात के समय चीनी, चावल, गेहूं, खाद्य तेल, मिट्टी का तेल और नमक सहित विशिष्ट आवश्यक वस्तुओं के परिवहन पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
इसमें कहा गया कि सत्यापित उद्देश्यों के लिए सीमित छूट दी जा सकती है, लेकिन ऐसा केवल क्षेत्राधिकारी और स्थानीय आपूर्ति अधिकारियों द्वारा जांच के बाद ही किया जाएगा तथा संबंधित अधिकारियों को इसकी विधिवत जानकारी दी जाएगी।
सीमावर्ती क्षेत्रों में आधिकारिक ड्यूटी पर तैनात सरकारी कर्मचारियों को इन प्रतिबंधों से छूट दी गई है।
भाषा प्रशांत नेत्रपाल
नेत्रपाल