कोलकाता, 13 अगस्त (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने चुनाव आयोग द्वारा कराए जा रहे मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की आलोचना जारी रखते हुए बुधवार को कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार वास्तव में इस प्रक्रिया का समर्थन करती हैं तो उन्हें तुरंत लोकसभा भंग कर देनी चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी में दूसरे नंबर के नेता माने जाने वाले अभिषेक बनर्जी ने मंगलवार को जोर देकर कहा था कि ‘‘निर्वाचन आयोग चुनिंदा तौर पर यह नहीं कह सकता’’ कि कुछ राज्यों में मतदाता सूचियां ठीक हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल में त्रृटिपूर्ण हैं।
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक ने कहा, ‘‘यदि मतदाता सूचियों का गहन पुनरीक्षण कराना है, तो यह पूरे देश में किया जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि पहला कदम प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल का इस्तीफा होना चाहिए, जिसके बाद लोकसभा को भंग किया जाना चाहिए।
पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर लोकसभा सीट से सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग ने कहा है कि विभिन्न राज्यों की मतदाता सूचियां, जिनके आधार पर बमुश्किल एक साल पहले यानी 2024 में आम चुनाव कराए गए थे, त्रृटिपूर्ण और अनियमितताओं से भरी हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि वास्तव में ऐसा है, और यदि भारत सरकार निर्वाचन आयोग के आकलन से सहमत है, तो वास्तविक एसआईआर को संपन्न कराने और उच्च नैतिक मानदंड स्थापित करने की दिशा में पहला कदम लोकसभा को तत्काल भंग करना है।’’
तृणमूल सांसद ने कहा, ‘‘यदि कोई वास्तव में एसआईआर के विचार का समर्थन करता है, तो निर्वाचन आयोग के अपने बयान के अनुसार – इस देश के लोगों के साथ विश्वासघात किया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही, यदि नए मुख्य चुनाव आयुक्त वास्तव में उतने ही सक्षम हैं, जितना दावा किया जा रहा है, तो एसआईआर को पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए, न कि चुनिंदा चुनावी राज्यों में।’’
अभिषेक बनर्जी अपनी मांगों को पूरा करने के लिए निर्वाचन आयोग को तीन सूत्रीय कदम उठाने की सिफारिश की। उन्होंने कहा, ‘‘ आप ‘क्रोनोलॉजी’ समझ लीजिए, 1) सदन को भंग करें । 2) पूरे देश में एसआईआर कराएं । 3) चुनाव में जाएं और लोगों का सामना करें।’’
तृणमूल महासचिव ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा था, ‘‘अगर मैं निर्वाचन आयोग के इस दावे को भी मान लूं कि मतदाता सूची में अनियमितताएं हैं, तो इसी सूची का इस्तेमाल 2024 के लोकसभा चुनावों में किया गया था, जिसके आधार पर वर्तमान प्रधानमंत्री और सरकार चुनी गई थी। अगर अब अनियमितताएं हैं, तो पूरे केंद्रीय मंत्रालय को इस्तीफा दे देना चाहिए।’’
अभिषेक बनर्जी ने कहा था कि तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के खिलाफ भी ‘‘आपराधिक कार्यवाही’’ शुरू की जानी चाहिए क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव उनकी सतर्कता और निगरानी में हुए थे।
विपक्षी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया गठबंधन)में शामिल दल बिहार में जारी एसआईआर प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं और इसे ‘‘वोट चोरी’’ करार दे रहे हैं। उनका दावा है कि यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे कई लोग मताधिकार से वंचित हो जाएंगे।
विपक्षी दल इस मुद्दे पर संसद में बहस की मांग कर रहे हैं। विपक्षी सांसदों ने सोमवार को निर्वाचन आयोग कार्यालय तक मार्च निकालने की भी कोशिश की, लेकिन उन्हें बीच में ही रोक दिया गया।
कांग्रेस ने बुधवार को घोषणा की कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी बिहार में ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं के साथ 17 अगस्त से राज्य भर में ‘वोट अधिकार यात्रा’ निकालेंगे। बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
भाषा धीरज रंजन
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