(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) पशु प्रेमियों ने कुत्तों के काटने और रेबीज के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दिल्ली-एनसीआर में सभी आवारा कुत्तों को आश्रय स्थालों में स्थानांतरित करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश को वापस लेने की बुधवार को मांग की।
पशु प्रेमियों ने ‘‘स्वतंत्रता दिवस, किसके लिए?’’ लिखी तख्तियों के साथ प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में कार्यकर्ता, स्वयंसेवी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के प्रवक्ता अनीश गवांडे, कार्यकर्ता राय मानवी और पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा पशु अधिकार कार्यकर्ता मेनका गांधी की बहन एवं पीपल फॉर एनिमल्स की संस्थापक अंबिका शुक्ला आदि भी शामिल थे।
शुक्ला ने कहा कि हर जगह धर्म, भाषा और अब तो पशु प्रेमियों और पशु-द्वेषियों के बीच भी विभाजन है। उन्होंने लोगों से यह समझने का आग्रह किया कि शीर्ष अदालत का आदेश कितना ‘क्रूर’ है।
प्रदर्शन में शामिल एक अन्य प्रदर्शनकारी विद्या पांडे ने कहा कि उनका परिवार एक दशक से अधिक समय से आवारा कुत्तों को खाना खिला रहा है।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘ इन कुत्तों के साथ खेलते हुए एक बार हमें खरोंच लग गई थी और हमें रेबीज के इंजेक्शन भी लगे थे, लेकिन कभी कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं हुई। दिल्ली में कोई आश्रय स्थल नहीं है। इन कुत्तों को कहां रखा जाएगा।’’
प्रदर्शनकारियों ने ‘‘हमारे कुत्तों को बचाओ’’ और ‘‘दिल्ली सरकार, आदेश वापस लो’’ जैसे नारे लगाए और ‘‘हम होंगे कामयाब’’ गीत गाया। प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों ने भगवान शिव की तस्वीरों के साथ कुत्तों के पोस्टर भी प्रदर्शित किए।
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली सरकार और गुरुग्राम, नोएडा और गाजियाबाद के नगर निकायों को निर्देश दिया कि वे सड़कों से सभी आवारा कुत्तों को हटाकर उन्हें आश्रय स्थलों में रखें।
भाषा धीरज अविनाश
अविनाश
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