अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ लगाए जाने के बाद भारत का बाजार हिल सा गया है। इस टैरिफ से भारत के अमेरिका निर्यात का लगभग 67% (करीब 58 अरब डॉलर) प्रभावित होगा यानी जीडीपी का करीब 1.5%. भारत का ऑटो कंपोनेंट सेक्टर तेज़ी से बढ़ रहा है और अमेरिका इसका सबसे बड़ा निर्यातक है।
2024 में अमेरिका को 6.6 अरब डॉलर के पुर्जे भेजे गए, जिनमें कार व छोटे ट्रक के पुर्जों पर 25% और बड़े ट्रक व कृषि उपकरण के पुर्जों (कुल 3 अरब डॉलर) पर 50% टैरिफ लगेगा। इससे व्यावसायिक वाहन सेक्टर पर सीधा दबाव बढ़ेगा। वहीं, राजधानी जयपुर से लेकर राजस्थान का पूरा बाजार बुरी तरह प्रभावित होगा। प्रदेश के मार्केट का बूस्टर मार्बल, ज्वैलरी से लेकर गारमेंट उद्योग तक धीमा पड़ सकता है।
राजस्थान का बाजार कैसे होगा प्रभावित, ऐसे समझिए
⦁ राजस्थान के करीब 20 हजार करोड़ रुपए के निर्यात पर सीधा खतरा मंडरा रहा है। प्रदेश के रत्न एवं आभूषण कारोबार को भी झटका लगने की आशंका है। जयपुर रंगीन नगीनों और हीरों से जड़े आभूषणों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। लेकिन ट्रंप टैरिफ ने इसकी तस्वीर बदल दी है। इसका सीधा नुकसान राजस्थान के रत्न और आभूषण व्यापारियों को उठाना होगा, हालांकि इसकी भरपाई के लिए नए बाजार तलाशने शुरू कर दिए हैं।
⦁ टैरिफ की दरें 50% से 63.9% तक पहुंच गई हैं, जिससे टेक्सटाइल (Textiles), गारमेंट्स (Garments), जेम्स एंड ज्वेलरी, मार्बल, ग्रेनाइट-क्वार्ट्ज, हैंडीक्राफ्ट और कारपेट जैसे उद्योगों को चोट पहुंच सकती है। इस उद्योग से सीधे तौर पर 7 लाख से ज्यादा लोगों के रोजगार जुड़े हुए हैं।
⦁ ट्रम्प की 25% अतिरिक्त टैरिफ घोषणा के बाद भारतीय टेक्सटाइल कंपनियों के लिए परेशानी बढ़ गई है। वियतनाम (20% टैरिफ), इंडोनेशिया (19% टैरिफ) और तुर्किए (सिर्फ 10% टैरिफ) जैसे देशों पर कम टैरिफ होने के चलते राजस्थान के निर्यातकों के लिए बाजार में मुकाबला करना काफी भारी होगा। वहीं, जेम्स एंड ज्वेलरी, टेक्सटाइल, फर्नीचर, मार्बल और ग्रेनाइट उद्योगों के लिए तुर्किए अब सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।
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⦁ हालांकि ये तमाम तो दीर्घकालीन चुनौतियां हैं, लेकिन तात्कालिक तौर पर राजस्थान के व्यापारियों के सामने एक बड़ी चुनौती है। 25 फीसदी टैरिफ के अलावा अतिरिक्त 25% जुर्माना 28 अगस्त से लागू होगा। अगर व्यापारियों को अमेरिका में माल बेचना है तो उनके पास महज 14 दिन है। ऐसे में उनके लिए काफी कम समय में ज्यादा से ज्यादा सामान निर्यात करने के लिए चुनौती है।
⦁ जोधपुर लकड़ी के फ़र्नीचर और धातु हस्तशिल्प का एक प्रमुख निर्यातक है, यहां से अमेरिका को सालाना 2500 करोड़ रुपए का सामान भेजा जाता है, जो उसके कुल निर्यात का आधे से भी ज़्यादा है। टैरिफ़ बढ़ोतरी से लगभग एक लाख कारीगरों और कामगारों की रोज़ी-रोटी पर ख़तरा मंडरा रहा है। जबकि इस मामले में तुर्की और मेक्सिको जैसे प्रतिस्पर्धियों पर सिर्फ़ 10% टैरिफ है, जाहिर तौर पर इससे मुकाबला कड़ा होगा।
⦁ बीकानेर के प्रसिद्ध ऊन उद्योग में 250 यूनिट्स प्रतिदिन 1-1.5 लाख किलो धागा बनाती हैं। इस उद्योग में 1 लाख लोग जुड़े हुए हैं। उदयपुर के क्वार्ट्ज़ उद्योग के मामले में अमेरिका को निर्यात का 40-45% हिस्सा आपूर्ति करता है।
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