जयपुर, 14 अगस्त (भाषा) राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने छात्रसंघ चुनाव न कराने के संबंध में उच्च न्यायालय में दिए गए राज्य सरकार के जवाब पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और आरोप लगाया कि पार्टी नहीं चाहती कि युवा पीढ़ी राजनीतिक रूप से जागरूक हो।
गहलोत ने भाजपा के रुख को दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय बताया और पार्टी पर युवाओं को लोकतांत्रिक भागीदारी से दूर करने का आरोप लगाया।
राजस्थान सरकार ने बुधवार को उच्च न्यायालय को बताया था कि वह मौजूदा शैक्षणिक वर्ष में छात्रसंघ चुनाव नहीं करा पाएगी।
सरकार ने राजस्थान विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के एक छात्र की ओर से दायर जनहित याचिका (पीआईएल) के जवाब में यह बात कही।
सरकार ने कहा था कि विश्वविद्यालय के विभिन्न कुलपतियों से राय ली गई है, जिन्होंने कहा है कि छात्रसंघ चुनाव कराने से मौजूदा अकादमिक सत्र और नयी शिक्षा नीति के कार्यान्वयन में बाधा आएगी।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए गहलोत ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘उच्च न्यायालय में सरकार के जवाब से स्पष्ट है कि भाजपा नहीं चाहती कि नयी पीढ़ी राजनीतिक रूप से जागृत हो और नया नेतृत्व तैयार हो सके। भाजपा की यह सोच बेहद निंदनीय एवं दुर्भाग्यपूर्ण है।’’
उल्लेखनीय है कि राज्य में आखिरी बार छात्र संघ चुनाव 2022 में हुए थे। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने विधानसभा चुनाव की तैयारियों और नयी शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के मद्देनजर 2023 में चुनाव स्थगित कर दिए थे।
भाजपा दिसंबर 2023 में सत्ता में आई, लेकिन 2024 में चुनाव नहीं हो सके। कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्र राज्य सरकार से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। इस महीने की शुरुआत में, एनएसयूआई ने इस मांग को लेकर जयपुर में विरोध प्रदर्शन किया था। भाषा कुंज जोहेब
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