नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) भारत ने दुर्लभ खनिज के निर्यात पर चीन की तरफ से लगाई गई पाबंदियों पर चीनी अधिकारियों से बातचीत शुरू कर दी है और घरेलू कंपनियों को चीन की यात्रा के लिए वीजा भी जारी किए गए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
चीन की सरकार ने अप्रैल में सात दुर्लभ खनिज तत्वों और उनसे बने चुंबक के निर्यात के लिए विशेष लाइसेंस को अनिवार्य कर दिया था। इनमें सैमेरियम, गैडोलिनियम, टर्बियम, डिस्प्रोसियम और ल्यूटेटियम जैसे महत्वपूर्ण तत्व शामिल हैं।
इन दुर्लभ खनिज तत्वों का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहन, ब्रेकिंग प्रणाली, स्मार्टफोन और मिसाइल प्रौद्योगिकी में किया जाता है।
अधिकारी ने दुर्लभ खनिजों एवं चुंबक की उपलब्धता से जुड़े सवाल पर कहा, ‘‘जब हमने हाल में चीन के दूतावास से संपर्क किया तो उन्होंने हमारी कंपनियों को वीजा जारी किए। कंपनियां चीनी अधिकारियों के संपर्क में हैं।’’
उऩ्होंने कहा कि ऐसे उपाय तलाशे जा रहे हैं कि आपूर्ति शृंखला प्रभावित न हो। इसे ध्यान में रखते हुए प्रयास किए जा रहे हैं।
वाहन उद्योग ने सरकार से अनुरोध किया है कि दुर्लभ खनिज चुंबक के आयात के लिए चीन सरकार से मंजूरी जल्द दिलाने में मदद की जाए, क्योंकि इनका उपयोग यात्री वाहनों समेत कई क्षेत्रों में होता है।
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