नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के ताजा निर्देश के अनुसार आगामी विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करने वाली महिला खिलाड़ियों को एसआरवाई जीन जांच से गुजरना होगा।
विश्व चैंपियनशिप 13 सितंबर से तोक्यो में आयोजित होने वाली है।
एसआरवाई (लिंग निर्धारण क्षेत्र वाई) जीन जांच मुख्य रूप से एसआरवाई जीन की उपस्थिति या अनुपस्थिति की पहचान करने के लिए की जाती है जो भ्रूण के विकास के दौरान पुरुष लिंग निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस साल 30 जुलाई को विश्व एथलेटिक्स ने विश्व चैंपियनशिप में महिला वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने की इच्छा रखने वाली सभी खिलाड़ियों के लिए एसआरवाई जीन के लिए जीवन में एक बार होने वाली जांच अनिवार्य कर दी थी जो जैविक लिंग निर्धारण के लिए एक विश्वसनीय तरीका है।
विश्व एथलेटिक्स ने कहा था कि यह जांच ‘चीक स्वैब’ या रक्त जांच के माध्यम से की जानी है जो भी अधिक सुविधाजनक हो।
एएफआई ने अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए 13 अगस्त को इस संबंध में अपनी सभी संबद्ध इकाइयों को एक नोटिस भेजा।
एएफआई ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि वह विश्व एथलेटिक्स के निर्देश का पालन कर रहा है।
एएफआई ने कहा, ‘‘आपको सूचित किया जाता है कि विश्व एथलेटिक्स ने उन खिलाड़ियों के लिए एसआरवाई जीन जांच शुरू की है जो महिला वर्ग में विश्व रैंकिंग प्रतियोगिताओं में भाग लेना चाहती हैं।’’
इसमें कहा गया, ‘‘इस संबंध में यह उल्लेख करना उचित है कि जापान के तोक्यो में 2025 में होने वाली विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए योग्यता मानकों को पूरा करने वाली सभी महिला एथलीटों को भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के परामर्श से एसआरवाई जीन जांच करवानी होगी। ’’
एएफआई ने स्पष्ट किया कि नियमों का पालन नहीं करने पर एथलीटों को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
विश्व एथलेटिक्स के अध्यक्ष सेबेस्टियन को ने नए नियम पेश करते हुए कहा था, ‘‘ एलीट स्तर पर महिला वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने के लिए आपको जैविक रूप से महिला होना आवश्यक है। विश्व एथलेटिक्स परिषद और मुझे हमेशा से स्पष्ट था कि लिंग, जीव विज्ञान पर हावी नहीं हो सकता। ’’
पारुल चौधरी (3000 मीटर स्टीपलचेज) ने पहले ही क्वालीफिकेशन मानक हासिल करके अपना स्थान सुरक्षित कर लिया है जबकि भाला फेंक एथलीट अन्नू रानी विश्व रैंकिंग कोटा के माध्यम से दौड़ में बनी हुई हैं।
भाषा नमिता सुधीर
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