नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) रूसी कंपनी रोसनेफ्ट समर्थित नायरा एनर्जी लिमिटेड ने कहा है कि वह यूरोपीय संघ की पाबंदियों के बावजूद अपने रिफाइनरी संचालन को स्थिर बनाए रखने और लेनदेन को सुगम करने के लिए भारत सरकार और व्यापारिक साझेदारों के साथ बातचीत कर रही है।
यूरोपीय संघ ने रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते अपने 18वें प्रतिबंध पैकेज में नायरा एनर्जी पर प्रतिबंधों की घोषणा की है। इसके बाद से कंपनी को कच्चे तेल की ढुलाई के लिए जहाजों और भुगतान निपटान के लिए बैंकिंग चैनल खोजने में समस्या हो रही है।
कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘अनुचित प्रतिबंधों के बावजूद हमारी रिफाइनरी स्वस्थ गति से काम कर रही है और हम भारतीय उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करने के लिए देशभर में तेल एवं पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति जारी रखे हुए हैं।’’
हालांकि, कंपनी ने यह नहीं बताया कि गुजरात के वडिनार स्थित दो करोड़ टन सालाना क्षमता वाली उसकी रिफाइनरी इस समय किस दर से काम कर रही है। नायरा देशभर में 6,750 से अधिक पेट्रोल पंप भी संचालित करती है।
नायरा ने कहा कि वह संचालन, पर्यावरण और कर्मचारियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और ऊर्जा सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
कंपनी ने पिछले माह यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों को ‘अनुचित और भारत के हितों के खिलाफ’ बताते हुए कानूनी विकल्पों पर विचार करने की बात कही थी।
नायरा में 49.13 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली रोसनेफ्ट ने भी इन प्रतिबंधों को ‘अवैध’ और भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए ‘सीधा खतरा’ करार दिया था।
कंपनी ने कहा कि आपूर्ति शृंखला में रुकावटों के बावजूद तटीय, रेल और सड़क नेटवर्क से उत्पादों की विश्वसनीय ढुलाई जारी है और खुदरा ईंधन स्टेशनों पर आपूर्ति सामान्य है।
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