नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में समारोहों की शुरुआत की घोषणा करते हुए कहा कि भारत की प्रगति उसके सबसे हाशिए पर पड़े समुदायों को सशक्त बनाने में निहित होगी।
भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि ज्योतिबा फुले के आदर्श सरकार के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘महात्मा ज्योतिबा फुले ने हमें ऐसे सिद्धांत दिए जो हमें हाशिए पर पड़े लोगों को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित करते हैं। उनका पालन करके, हम बदलाव की नई ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ‘पारदर्शी नीतियों के माध्यम से इस दृष्टिकोण को साकार करने’ के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री ने कल्याणकारी पहलों की एक शृंखला का हवाला दिया जो कुछ सबसे वंचित समूहों को लक्षित करती हैं, जिनमें पीएम स्वनिधि योजना के माध्यम से रेहड़ी-पटरी वाले, पीएम विश्वकर्मा योजना के माध्यम से कारीगर और कुशल श्रमिक, और पीएम-जनमन योजना के माध्यम से कमजोर आदिवासी समुदायों के लिए उपाय शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘चाहे हमारे पूर्वी राज्यों को विकास की मुख्यधारा में लाना हो या उनके लिए नेतृत्व के अवसर सुनिश्चित करना हो, हम संतुलित विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
मोदी ने कहा कि सरकार का दृष्टिकोण केवल सामाजिक रूप से पिछड़े समुदायों पर ध्यान केंद्रित करने से आगे बढ़कर पिछड़े जिलों और ब्लॉकों की चुनौतियों का समाधान करने तक सीमित है।
उन्होंने 100 आकांक्षी जिलों और कई आकांक्षी ब्लॉकों की पहचान और उनके कायाकल्प के लिए किए गए कार्यों की ओर इशारा किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी प्राथमिकता किसी एक समूह तक सीमित नहीं है। हम हर उस वर्ग का उत्थान करना चाहते हैं जो पिछड़ा रह गया है—चाहे वह सामाजिक, भौगोलिक या आर्थिक रूप से पिछड़ा हो।’’
भाषा वैभव मनीषा
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