आज सुबह दिल्ली का आकाश केवल सूरज की रोशनी से नहीं, बल्कि तिरंगों की लहराती बयार और देशभक्ति के उन्माद से आलोकित था। लाल किला, जो स्वतंत्र भारत की आत्मा का प्रतीक है, अपनी प्राचीरों से एक बार फिर इतिहास के साक्षी के रूप में खड़ा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां से 12वीं बार राष्ट्र को संबोधित किया, और इस बार उनका स्वर केवल वर्तमान का आकलन नहीं, बल्कि 2047 तक के ‘विकसित भारत’ के रोडमैप का आह्वान था।
ऑपरेशन सिंदूर – नई भारत-नीति का प्रतीक
इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस का एक विशेष आयाम था ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का सार्वजनिक उत्सव। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, 7 मई को भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके की सीमा पार कर आतंकियों के ठिकानों पर सटीक प्रहार किया। सौ से अधिक आतंकवादी ढेर हुए, ठिकाने ध्वस्त हुए और यह सब उस नीति का प्रत्यक्ष प्रमाण है जिसमें भारत अब केवल ‘रक्षा’ नहीं, बल्कि ‘निर्णायक आक्रमण’ की रणनीति अपनाता है।
लाल किले के ज्ञानपथ पर लगे ‘व्यू कटर’ पर ऑपरेशन सिंदूर का विशेष लोगो अंकित था। आकाश में दो Mi-17 हेलीकॉप्टर एक में तिरंगा और दूसरे में ऑपरेशन सिंदूर का ध्वज उड़ते हुए गुलाब की पंखुड़ियां बरसा रहे थे। यह दृश्य केवल विजय का नहीं, बल्कि चेतावनी का भी था, आतंक और उसके पोषकों के लिए।
5000 विशेष मेहमान: ‘नया भारत’ की झलक
इस बार लाल किले के प्रांगण में मौजूद भीड़ में केवल पारंपरिक वीआईपी नहीं, बल्कि वे लोग भी थे जिनका योगदान जमीनी भारत को बदलने में है। लगभग 5,000 ‘विशेष मेहमान’ स्पेशल ओलंपिक्स 2025 के खिलाड़ी, अंतरराष्ट्रीय खेल विजेता, पैरा गेम्स के स्वर्ण पदकधारी, मधुमक्खी पालन मिशन के सफल किसान, ओडीएफ प्लस गांवों के सरपंच, ‘कैच द रेन’ अभियान के विजेता, पीएम युवा योजना के लेखक, पीएम-विकास योजना के कुशल युवा, और पीएम-वन धन योजना के आदिवासी उद्यमी सब यहां थे।
इनके अलावा पीएम आवास योजना के लाभार्थी, ‘लखपति दीदी’, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, स्वच्छता कर्मी और पीएम इंटर्नशिप स्कीम के युवा भी इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने। लाल किले की इन दीवारों के सामने उनकी उपस्थिति इस संदेश को पुख्ता करती है कि राष्ट्र निर्माण केवल संसद और मंत्रालयों में नहीं, बल्कि खेतों, गांवों और गलियों में भी होता है।
दिल्ली – किले में तब्दील
स्वतंत्रता दिवस की सुरक्षा व्यवस्था इस बार अभेद्य थी। दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों के 20,000 से अधिक जवान तैनात, ऊंची इमारतों पर स्नाइपर, सीसीटीवी पर वीडियो एनालिटिक्स और एआई निगरानी, और एंटी-ड्रोन सिस्टम सब मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे थे कि समारोह निर्बाध हो।
दिल्ली मेट्रो ने सुबह 4 बजे से ही संचालन शुरू किया और ट्रैफिक पुलिस ने विशेष सलाह जारी की, ताकि देशभक्ति का यह पर्व केवल लाल किले तक सीमित न रहकर दिल्ली की गलियों में भी सुचारु रूप से बह सके।
देशभक्ति की धुन – पूरे भारत में
इस वर्ष एक अनूठी पहल भी देखने को मिली सेना, नौसेना, वायुसेना और अर्धसैनिक बलों के बैंड देशभर के 140 प्रमुख स्थलों पर प्रस्तुति दे रहे हैं। दिल्ली में इंडिया गेट, कर्तव्य पथ, कुतुब मीनार हर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल पर बैंड की स्वर लहरियां गूंज रही हैं। यह केवल संगीत नहीं, बल्कि राष्ट्र की सामूहिक चेतना का स्वरूप है।
एक उत्सव से आगे की कहानी
इस स्वतंत्रता दिवस का मूल संदेश साफ है विकसित भारत केवल एक सपना नहीं, बल्कि एक संकल्प है, जिसे प्रधानमंत्री ने लाल किले से फिर दोहराया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसी निर्णायक कार्रवाइयां और 5000 विशेष मेहमानों की उपस्थिति यह बताती है कि भारत अब केवल औपचारिक उत्सव नहीं मनाता, बल्कि अपनी नीतियों और दृष्टि को सार्वजनिक रूप से स्थापित करता है।
यह दिन याद दिलाता है कि आज का भारत आत्मविश्वासी, आत्मनिर्भर और आत्मसम्मान से भरा अतीत की सीमाओं से बाहर निकलकर अपने भविष्य की रचना स्वयं कर रहा है।
ये भी पढ़ें:- स्वतंत्रता दिवस पर जल-राजनीति का मोड़, मोदी ने बदली 1960 की धारा
Q. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ क्या था और इसे स्वतंत्रता दिवस पर क्यों महत्व दिया गया?
Ans. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सेना की एक निर्णायक कार्रवाई थी, जिसमें 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के ठिकानों पर सटीक हमले कर सौ से अधिक आतंकवादी मारे गए और ठिकाने नष्ट किए गए। इसे स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय गर्व और नई भारत-नीति के प्रतीक के रूप में विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया।
Q. लाल किले पर प्रधानमंत्री के 12वें संबोधन की मुख्य विशेषताएं क्या थीं?
Ans. प्रधानमंत्री ने 2047 तक के ‘विकसित भारत’ का रोडमैप पेश किया, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का उत्सव मनाया, और 5000 विशेष मेहमानों को आमंत्रित कर राष्ट्र निर्माण में जमीनी योगदान को सम्मानित किया।
Q. स्वतंत्रता दिवस समारोह में आमंत्रित 5000 विशेष मेहमानों में किन-किन का चयन किया गया था?
Ans. इनमें स्पेशल ओलंपिक्स 2025 के खिलाड़ी, अंतरराष्ट्रीय खेल विजेता, पैरा गेम्स के स्वर्ण पदकधारी, सफल किसान, ओडीएफ प्लस गांवों के सरपंच, ‘कैच द रेन’ अभियान के विजेता, युवा लेखक, आदिवासी उद्यमी, पीएम आवास योजना के लाभार्थी, ‘लखपति दीदी’, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, स्वच्छता कर्मी और पीएम इंटर्नशिप स्कीम के युवा शामिल थे।
Q. इस बार स्वतंत्रता दिवस पर सुरक्षा और सांस्कृतिक माहौल में क्या खास था?
Ans. सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों के 20,000 जवान, स्नाइपर, सीसीटीवी, एआई निगरानी और एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात थे। सांस्कृतिक तौर पर, सेना, नौसेना, वायुसेना और अर्धसैनिक बलों के बैंड ने देशभर के 140 प्रमुख स्थलों पर देशभक्ति की धुनें प्रस्तुत कीं।