(तस्वीर के साथ)
नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि ‘पीएम धन-धान्य कृषि योजना’ के जरिये कृषि के लिहाज से कमजोर 100 जिलों को अन्य कृषि क्षेत्रों की बराबरी पर लाया जाएगा।
मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में भारतीय कृषि के भविष्य के लिए एक स्पष्ट मसौदा पेश किया और किसानों को नमन करते हुए उन्हें देश की आत्मनिर्भरता की यात्रा का आधार बताया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने कृषि के मामले में पिछड़े 100 जिलों की पहचान की है और प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत किसानों को सशक्त बनाने के लिए अभियान शुरू किया है।
मोदी ने कहा, ”अगर पीएम धन-धान्य कृषि योजना के तहत 100 जिलों के किसानों को थोड़ी भी मदद दी जाए, तो वहां के किसान भी भारत के अन्य किसानों के बराबर आ जाएंगे।”
मंत्रिमंडल ने 16 जुलाई को पीएम धन-धान्य कृषि योजना को 24,000 करोड़ रुपये के वार्षिक बजट के साथ मंज़ूरी दी थी। इसका मकसद उत्पादकता में सुधार, फसल विविधीकरण को बढ़ावा, भंडारण और सिंचाई सुविधाओं का विस्तार और किसानों के लिए ऋण पहुंच को बढ़ाना है।
मोदी ने किसानों के लचीलेपन की प्रशंसा करते हुए कहा कि चाहे छोटे किसान हों, पशुपालक हों या मछुआरे, सभी को कई विकास योजनाओं का लाभ मिल रहा है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, वर्षा जल संचयन, सिंचाई परियोजनाएं, गुणवत्तापूर्ण बीज वितरण और समय पर उर्वरक आपूर्ति जैसी पहलों ने देश भर के किसानों का आत्मविश्वास बढ़ाया है।
मोदी ने कहा कि पशुधन क्षेत्र में खुरपका-मुंहपका रोग से निपटने के लिए सरकार ने अब तक टीकाकरण के लिए 125 करोड़ मुफ्त खुराकें मुहैया कराई हैं।
उन्होंने याद दिलाया कि औपनिवेशिक शासन ने देश को दरिद्र बना दिया था लेकिन किसानों के अथक प्रयासों के चलते भारत के अन्न भंडार भरे और देश की खाद्य संप्रभुता सुरक्षित रही।
उन्होंने कहा, ”मेरे देश के किसान भारत की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान देते हैं। भारत के किसानों की कड़ी मेहनत रंग ला रही है।”
भारत दूध, दलहन और जूट उत्पादन में दुनिया में पहले स्थान पर है जबकि चावल, गेहूं, कपास, फलों और सब्जियों के उत्पादन में दूसरे स्थान पर है।
भाषा पाण्डेय प्रेम
प्रेम