(सुजीत नाथ)
पोर्ट ब्लेयर, 17 अगस्त (भाषा) अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर इन चीफ (सीआईएनसीएएन) के लेफ्टिनेंट जनरल दिनेश सिंह राणा ने कहा कि इस द्वीपसमूह की रणनीतिक अहमियत को समझते हुए विभिन्न ‘‘अतिरिक्त क्षेत्रीय बलों’’ को यहां तैनात किया जा रहा है।
उन्होंने आतंकवाद सहित किसी भी खतरे को नाकाम करने के लिए द्वीपों की 24 घंटे निगरानी की आवश्यकता पर भी बल दिया।
सीआईएनसीएएन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि अंडमान और निकोबार कमान (एएनसी) अब सिर्फ एक द्वीप चौकी नहीं रह गई है, बल्कि यह एक रणनीतिक केंद्र बन रही है और आवश्यकता पड़ने पर सभी सैन्य जहाजों की निगरानी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि अंडमान के निकट “90-डिग्री और 85-डिग्री रिज” के आस-पास कई अनुसंधान पोत लगातार मौजूद रहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ये रिज न केवल ‘पॉलीमेटेलिक नोड्यूल्स’ से समृद्ध हैं, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र से आने वाले कई समुद्री केबल भी इनसे होकर गुजरते हैं, जो दक्षिण पूर्व एशियाई देशों को जोड़ते हैं।’’
‘पॉलीमेटेलिक नोड्यूल्स’ को ‘मैंगनीज नोड्यूल्स’ के रूप में भी जाना जाता है जो आलू के आकार के, चट्टान जैसे कंक्रीट होते हैं और गहरे समुद्र तल पर पाए जाते हैं। ये नोड्यूल्स मैंगनीज, निकल, कोबाल्ट और तांबे जैसी धातुओं से समृद्ध होते हैं।
इन रिज के सैन्य महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ये क्षेत्र पानी के नीचे निगरानी सेंसर और पनडुब्बियों की तैनाती के लिए उपयुक्त है और इसलिए पानी के भीतर की गतिविधियों को बेहतर ढंग से समझने यानी ‘अंडरवॉटर डोमेन अवेयरनेस’ बढ़ाने की जरूरत है।’’
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सामरिक महत्व पर सीआईएनसीएएन ने कहा कि सरकार ने इस क्षेत्र में राष्ट्रीय महत्व की कई परियोजनाओं की घोषणा की है, जिनमें ग्रेट निकोबार गैलाथिया परियोजना भी शामिल है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए यह जरूरी हो गया है कि सैन्य क्षमताओं को भी वर्तमान की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप और सुसंगत बनाया जाए।’’
राणा ने कहा कि इस समूह में 836 बड़े और छोटे द्वीप हैं जो करीब 750 किलोमीटर तक उत्तर से दक्षिण तक फैला है। ये द्वीप मलक्का जलडमरूमध्य जलसंधि और ‘छह-डिग्री चैनल’ को अच्छी तरह से नियंत्रित करते हैं। इस समुद्री मार्ग से दुनिया का 30 प्रतिशत व्यापार होता है।
उन्होंने कहा कि अंडमान और निकोबार कमान विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) सहित तटीय सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाता है। यह कमान इस क्षेत्र में अवैध प्रवासियों, शिकारी और मादक पदार्थ तस्करी से जुड़ी गतिविधियों समेत गैर-परंपरागत खतरों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
श्री विजया पुरम में स्थित अंडमान और निकोबार कमान भारत की पहली और एकमात्र संयुक्त सेवा परिचालन कमान है, जो थल सेना, नौसेना, वायु सेना और तट रक्षक को साथ मिलाकर काम करती है।
भाषा खारी सुरभि
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