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नयी दिल्ली, 17 अगस्त (भाषा) शहरी विस्तार मार्ग-2 (यूईआर 2) के उद्घाटन से उम्मीद की जा रही है कि राष्ट्रीय राजधानी के हवाई अड्डे को जोड़ने वाले मार्ग पर जाम से काफी हद तक राहत मिलेगी, साथ ही इससे आर्थिक विकास की गति भी तेज होगी।
अधिकारियों ने बताया कि 5,580 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस नवनिर्मित एक्सप्रेसवे से शहर के आंतरिक और बाहरी रिंग रोड पर यातायात का बोझ काफी कम हो जाएगा तथा राजधानी और इसके आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने बताया कि अलीपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग-44 (एनएच-44) से महिपालपुर के पास एनएच-48 तक फैला 75 किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग उत्तर, उत्तर-पश्चिम, पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम दिल्ली से होकर गुजरता है तथा बवाना, रोहिणी, मुंडका, बक्करवाला, नजफगढ़ और द्वारका जैसे प्रमुख औद्योगिक और आवासीय क्षेत्रों को जोड़ता है।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्लीवासियों के लिए सबसे तात्कालिक लाभों में से एक यात्रा समय में भारी कमी है। सिंघु बॉर्डर से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक की यात्रा अब केवल 40 मिनट में पूरी हो जाएगी, जबकि पहले इसमें दो घंटे लगते थे।
उन्होंने बताया कि यूईआर-2 हरियाणा के बहादुरगढ़ और पश्चिमी दिल्ली के नजफगढ़, और द्वारका एक्सप्रेसवे और गुरुग्राम के बीच भी एक कड़ी है। यह पूर्वी और पश्चिमी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को भी जोड़ता है, जिसका उद्देश्य जाम की समस्या को कम करना है।
इससे पहले, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा था, ‘‘बेहतर संपर्क से औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स अवसरों का भी विस्तार होगा।’’
यह परियोजना हरियाणा के औद्योगिक केंद्रों सोनीपत और बहादुरगढ़ को समर्पित संपर्क सड़कों के माध्यम से जोड़ेगी, जिससे माल की तीव्र आवाजाही की सुविधा सुनिश्चित होगी और वहां स्थित व्यवसायों को प्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इससे न केवल दिल्ली-एनसीआर में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी, बल्कि व्यापार और वाणिज्य के केंद्र के रूप में इस क्षेत्र की भूमिका भी मजबूत होगी।’’
अधिकारियों के मुताबिक यह मार्ग दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग, केएमपी एक्सप्रेसवे, गुरुग्राम-रेवाड़ी राजमार्ग और गुरुग्राम-सोहना राजमार्ग को भी जोड़ेगा। गुरुग्राम-सोहना खंड सीधे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ा हुआ है।
गुप्ता ने कहा कि चंडीगढ़, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, जयपुर और यहां तक कि मुंबई तक की यात्रा अब और भी तेज़ और सुविधाजनक हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह दिल्ली और उसके बाहर के लोगों के लिए वास्तव में एक ‘‘परिवर्तनकारी’’ परियोजना है।
भाषा धीरज शफीक
शफीक