मुंबई, 17 अगस्त (भाषा) भारत के प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार राज्य में न्यायपालिका के लिए बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने में हमेशा अग्रणी रही है।
वह कोल्हापुर जिले में बम्बई उच्च न्यायालय की नयी सर्किट पीठ का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे।
इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी उपस्थित थे।
प्रधान न्यायाधीश गवई ने कहा, ‘‘कुछ लोगों ने, मैं उनका नाम नहीं लेना चाहता, यह टिप्पणी की थी कि न्यायपालिका के लिए बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने के मामले में महाराष्ट्र सरकार पीछे है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह गलत है। मेरा मानना है कि जब न्यायपालिका के बुनियादी ढांचे का सवाल आता है, तो इस मामले में महाराष्ट्र पीछे नहीं है। बुनियादी ढांचे के मामले में सरकार हमेशा न्यायपालिका के साथ खड़ी है।’’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित करके असंभव को संभव बना दिया है कि कोल्हापुर पीठ के लिए भवन कम समय में ही बन जाए।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि जो लोग यह टिप्पणी करते हैं कि न्यायिक बुनियादी ढांचे के मामले में राज्य सरकार पिछड़ रही है, वे देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बारे में नहीं जानते।
प्रधान न्यायाधीश गवई ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास था कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि पीठ स्थापित की जाए और सभी बुनियादी ढांचे उपलब्ध कराए जाएं।’’ प्रधान न्यायाधीश गवई ने कहा कि उन्होंने हमेशा कोल्हापुर में एक पीठ का समर्थन किया है, क्योंकि किसी भी आम व्यक्ति को अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए मुंबई (बम्बई उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ) तक आने के लिए मजबूर नहीं होना चाहिए।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अब वकीलों की ओर से पुणे में भी एक पीठ की मांग की जा रही है, लेकिन उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं होगा, क्योंकि केवल मुट्ठी भर वकीलों ने ही यह मांग की है, आम लोगों ने नहीं।
कोल्हापुर में चौथी पीठ की स्थापना विभिन्न क्षेत्रों से वर्षों से उठ रही मांगों के बीच की गई है, ताकि वादियों और वकीलों पर बोझ कम किया जा सके, जिन्हें अपनी याचिकाओं की सुनवायी के लिए 380 किलोमीटर दूर मुंबई जाना पड़ता है।
वर्तमान में, मुंबई में मुख्य पीठ के अलावा, उच्च न्यायालय की दो और पीठ हैं – विदर्भ क्षेत्र के नागपुर में और राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र के औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर) में।
उच्च न्यायालय की तीसरी पीठ निकटवर्ती गोवा में स्थित है।
बम्बई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे ने एक अगस्त को एक अधिसूचना जारी करके कोल्हापुर में एक सर्किट पीठ बनाया।
कोल्हापुर पीठ सोमवार (18 अगस्त) से एक खंडपीठ और दो एकल पीठों के साथ कार्य करेगी।
नयी पीठ का अधिकार क्षेत्र छह जिलों – सतारा, सांगली, सोलापुर, कोल्हापुर, रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग (अंतिम दो तटीय कोंकण क्षेत्र में स्थित) पर होगा।
कोल्हापुर खंडपीठ में न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक और न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख शामिल होंगे, जबकि न्यायमूर्ति एस जी डिगे और न्यायमूर्ति एस जी चपलगांवकर एकल पीठ की अध्यक्षता करेंगे।
उम्मीद है कि खंडपीठ जनहित याचिकाओं, सिविल रिट याचिकाओं, प्रथम अपीलों, पारिवारिक अदालत अपीलों, अवमानना अपीलों के साथ-साथ कोल्हापुर, सतारा, सांगली, सोलापुर, रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग जिलों के सभी अन्य सिविल और आपराधिक मामलों की सुनवाई करेगी।
न्यायमूर्ति डिगे की एकल पीठ आपराधिक अपीलों, आपराधिक पुनरीक्षण आवेदनों, जमानत आवेदनों और अन्य आपराधिक मामलों की सुनवाई करेगी।
न्यायमूर्ति चपलगांवकर एकल पीठ की अध्यक्षता करेंगे और यह पीठ दीवानी रिट याचिकाओं, दीवानी आवेदनों और एकल न्यायाधीश को सौंपी गई अन्य दीवानी मामलों की सुनवाई करेगी।
भाषा अमित दिलीप
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