चंडीगढ़, 18 अगस्त (भाषा) मोहाली की एक अदालत ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने (डीए) के मामले में गिरफ्तार शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी।
सरकारी वकील फेरी सोफत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अदालत ने मजीठिया की जमानत याचिका खारिज कर दी।
सोफत ने कहा कि जांच जारी रहने और कथित अपराधों की गंभीर प्रकृति के आधार पर मजीठिया की जमानत याचिका खारिज की गई।
उन्होंने कहा कि अदालत ने मजीठिया की जमानत याचिका पर कम से कम 10 दिनों तक रोजाना सुनवाई की।
मजीठिया वर्तमान में पटियाला की नई नाभा जेल में बंद हैं।
अदालत ने 14 अगस्त को शिअद नेता की न्यायिक हिरासत 28 अगस्त तक बढ़ा दी थी।
पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने 25 जून को आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के मामले में मजीठिया को गिरफ्तार किया था। यह मामला कथित तौर पर 540 करोड़ रुपये के ‘ड्रग मनी’ (मादक पदार्थों से अर्जित राशि) के शोधन से जुड़ा है।
मजीठिया को छह जुलाई को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। उसके बाद उनकी न्यायिक हिरासत 19 जुलाई और फिर दो अगस्त को बढ़ा दी गई।
ब्यूरो ने अपनी प्राथमिकी में दावा किया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि 540 करोड़ रुपये से अधिक की ‘‘ड्रग मनी’’ का कई तरीकों से धनशोधन किया गया था और कथित तौर पर मजीठिया ने इसमें मदद की थी।
मजीठिया के खिलाफ 2021 में स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। यह मामला पंजाब पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की जा रही जांच से उपजा है।
यह कार्रवाई मादक-पदार्थ विरोधी विशेष कार्य बल की 2018 की एक रिपोर्ट के आधार पर की गई थी।
इससे पहले मजीठिया ने पटियाला जेल में पांच महीने से ज्यादा समय बिताया था और अगस्त 2022 में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के बाद जेल से बाहर आए थे।
भाषा सुरेश संतोष
संतोष