नयी दिल्ली, 18 अगस्त (भाषा) सरकार ने सोमवार को संसद में कहा कि पर्यावरण मंत्रालय ने महत्वपूर्ण खनिजों से संबंधित खनन परियोजनाओं के अनुमोदन में तेजी लाने के लिए अपने ‘ऑनलाइन क्लीयरेंस पोर्टल’ पर एक अलग श्रेणी स्थापित की है, जिसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा और उन्नत प्रौद्योगिकियों के लिए आवश्यक माने जाने वाले संसाधनों की घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देना है।
लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि खान मंत्रालय ने फरवरी में ऐसी परियोजनाओं के लिए तेजी से मंजूरी का अनुरोध किया था, जिसके बाद 13 मार्च को ‘परिवेश 2.0 पोर्टल’ में नयी सुविधा जोड़ी गई।
यह कदम खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 में संशोधन के बाद उठाया गया, जिसके तहत केंद्र को महत्वपूर्ण और रणनीतिक रूप से चिह्नित किये गए 24 खनिजों की नीलामी करने का अधिकार दिया गया है।
इनमें लिथियम, निकल, टंगस्टन, टाइटेनियम और ग्रेफाइट शामिल हैं, जिनका भारत बड़े पैमाने पर आयात करता है, लेकिन रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों के लिए इनकी आवश्यकता होती है।
मंत्री ने बताया कि अब तक देश भर में इन खनिजों के 34 ब्लॉक की नीलामी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि ये भारत के प्रमुख सामग्रियों में आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
सिंह ने यह भी बताया कि परियोजनाओं को वन संरक्षण अधिनियम, 1980 या पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) अधिसूचना, 2006 से कोई छूट नहीं मिलेगी।
उन्होंने बताया कि पोर्टल पर नयी उप-श्रेणी केवल उन प्रस्तावों की निगरानी में सुधार के लिए बनाई गई है, जिन्हें वन कानून के तहत केंद्रीय अनुमोदन की आवश्यकता होती है।
भाषा सुभाष अविनाश
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