कोलकाता, 18 अगस्त (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया कि कल्याणी स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) द्वारा घर-घर जाकर कथित रूप से मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण कराया जाना राज्य में परोक्ष रूप से राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने का प्रयास है।
राज्य सचिवालय ‘नबान्न’ में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बनर्जी ने यह भी दावा किया कि कई एजेंसियां मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए सर्वेक्षण कर रही हैं। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने और राज्य सरकार से तथ्य की पुष्टि किए बिना ऐसे किसी भी कार्यक्रम में भाग न लेने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के नाम पर कल्याणी स्थित एम्स अप्रत्यक्ष रूप से एनआरसी के लिए सर्वेक्षण कर रहा है। अगर कोई संगठन सर्वेक्षण के नाम पर आपके घर पहुंचता है, तो कृपया पहले राज्य सरकार से इसकी पुष्टि कर लें।’
नदिया जिले में कल्याणी स्थित एम्स की स्थापना केंद्र सरकार ने 2018 में की थी। संस्थान के अधिकारियों से टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो सका।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका प्रशासन ऐसे किसी भी अध्ययन की ज़िम्मेदारी नहीं लेगा। बनर्जी ने कहा, ‘राज्य सरकार ऐसा कोई सर्वेक्षण नहीं करा रही है। कई एजेंसियां हैं जो कई संगठनों के नाम पर घर-घर जाकर आपके नाम मतदाता सूची से हटाने के लिए सर्वेक्षण कर रही हैं। सतर्क रहें। राज्य सरकार के अधिकारियों के अलावा किसी और के साथ अपनी जानकारी साझा न करें।’
किसी भी पार्टी का नाम लिए बगैर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने आरोप लगाया कि कल्याणी स्थित एम्स परोक्ष रूप से एक राजनीतिक संगठन के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘मैं एम्स से कहूंगी कि वह मरीज़ों का अच्छे से इलाज करे। हमने ज़मीन दी है और कई तरह से मदद की है, और भविष्य में भी करते रहेंगे। लेकिन ऐसे खेल मत खेलिए। राज्य सरकार का अपना मानसिक स्वास्थ्य विभाग है। यह राज्य के स्वास्थ्य विभाग का काम है, आपका नहीं।’
भाषा आशीष संतोष
संतोष