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नयी दिल्ली, 19 अगस्त (भाषा) बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्षी दलों के सांसदों के विरोध के कारण मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 11 बजे बैठक शुरू होने पर सदस्यों को सूचित किया कि अब सदन में संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लेखित सभी भाषाओं में अनुवाद की सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि अब तक हिंदी और अंग्रेजी के अतिरिक्त 18 भाषाओं में ही अनुवाद की सुविधा थी।
इस दौरान कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों ने एसआईआर के मुद्दे पर नारेबाजी शुरू कर दी।
अध्यक्ष बिरला ने हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से कार्यवाही चलने देने का आग्रह करते हुए कहा कि दुनिया में केवल भारत की संसद ही ऐसी जगह है, जहां एक समय में 22 भाषाओं में अनुवाद की सुविधा उपलब्ध है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें देश के लोकतंत्र और संविधान पर गर्व करना चाहिए। इसलिए मेरा आपसे अनुरोध है कि सदन की कार्यवाही चलाने में सहयोग करें। दुनिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र हमारा है। मुझे आशा है कि आप सदन चलाने में सहयोग करेंगे।’’
उन्होंने शोर-शराबे के बीच ही प्रश्नकाल शुरू कराया और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कुछ सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए।
हंगामा जारी रहने पर अध्यक्ष बिरला ने सदन की बैठक 11 बजकर 22 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।
सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे पुन: शुरू होने पर पीठासीन सभापति कृष्णा प्रसाद तेन्नेटी ने कहा कि (लोकसभा) अध्यक्ष को कुछ विषयों पर स्थगन प्रस्ताव की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं, लेकिन उन्होंने किसी भी सूचना के लिए अनुमति प्रदान नहीं की है।
सदन में विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी जारी रहने के बीच, मंत्रियों ने विभिन्न स्थायी समितियों के प्रतिवेदन प्रस्तुत किये, जिन्हें सदन ने स्वीकृत कर लिया।
‘एसआईआर वापस लो’ के नारे लगा रहे विपक्षी दलों के सदस्यों से पीठासीन सभापति ने अपनी-अपनी सीट पर बैठने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘हम आपको सुनना चाहते हैं लेकिन इस तरह नहीं। मैं आपको बोलने का मौका दूंगा। कृपया सहयोग करें।’’
हंगामा नहीं थमने पर पीठासीन सभापति ने दोपहर 12 बजकर नौ मिनट पर सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी।
भाषा सुभाष माधव
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