अगरतला, 19 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत कई नेताओं ने मंगलवार को त्रिपुरा के महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर को उनकी 117वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी।
माणिक्य वंश के अंतिम राजा महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर को आधुनिक त्रिपुरा का वास्तुकार माना जाता है।
मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर जी को उनकी जयंती पर नमन। त्रिपुरा के विकास में उनके अनुकरणीय प्रयासों के लिए उन्हें सराहा जाता है। जनसेवा के प्रति उनका जुनून, गरीबों को सशक्त बनाने की उनकी प्रतिबद्धता और सामाजिक उत्थान के प्रति समर्पण हमें निरंतर प्रेरित करते हैं। केंद्र सरकार और त्रिपुरा सरकार उनकी दृष्टि को साकार करने के लिए अथक प्रयास कर रही है।’’
वहीं शाह ने भी एक पोस्ट करके कहा कि महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर के दूरदर्शी सुधारों ने त्रिपुरा की प्रगति की नींव रखी।
शाह ने कहा, ‘‘त्रिपुरा महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। उन्हें ‘आधुनिक त्रिपुरा के निर्माता’ के रूप में याद किया जाता है, जिनके शिक्षा, बुनियादी ढांचे और शासन में दूरदर्शी सुधारों ने राज्य की प्रगति की नींव रखी। उनकी विरासत पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
नड्डा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मैं ‘आधुनिक त्रिपुरा के निर्माता’ महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। शासक के रूप में उनका कार्यकाल त्रिपुरा की यात्रा का एक निर्णायक अध्याय था, जिसने इसके विकास को आकार दिया और भविष्य के विकास की मजबूत नींव रखी। उनकी विरासत हमें त्रिपुरा के लोगों की प्रगति और कल्याण के लिए गहरी प्रतिबद्धता के साथ काम करने में मार्गदर्शन करती रहेगी।’’
इस बीच, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने इस अवसर पर आयोजित एक समारोह में कहा कि पूर्ववर्ती शासनों ने राज्य के विकास में उनके योगदान के बावजूद माणिक्य वंश के राजाओं को उचित सम्मान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने इन राजाओं को वह सारा सम्मान दिया है जिसके वे हकदार हैं।
साहा ने कहा कि त्रिपुरा सरकार उन सपनों को पूरा करने के लिए अथक प्रयास कर रही है जिन्हें महाराजा बीर बिक्रम अपने जीवनकाल में साकार नहीं कर सके।
भाषा अमित नरेश
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