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Thursday, August 21, 2025

राज्यसभा में सदस्यों ने खान और खनिज संशोधन विधेयक को समय की मांग बताया

Newsराज्यसभा में सदस्यों ने खान और खनिज संशोधन विधेयक को समय की मांग बताया

नयी दिल्ली, 19 अगस्त (भाषा) राज्यसभा में भाजपा सहित विभिन्न दलों के सदस्यों ने खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक 2025 को समय की मांग बताया और कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में शुरू किए गए सुधारों की दिशा में यह एक और कदम है। हालांकि कई सदस्यों ने अवैध रेत खनन पर चिंता जताते हुए सरकार से मांग की कि इस पर रोक लगाना आवश्यक है क्योंकि इस समस्या के कारण नदियों का जलस्तर भी प्रभावित हो रहा है।

उच्च सदन में सदस्य खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक 2025 पर हुई चर्चा में भाग ले रहे थे।

यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका है।

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने यह विधेयक पेश किया। उस समय कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया। लेकिन पीठासीन अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने इसकी अनुमति नहीं दी।

इसके विरोध में विपक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी की और बाद में सदन से बहिर्गमन किया।

विधेयक को चर्चा के लिए पेश करते हुए रेड्डी ने कहा कि पिछले एक दशक में खनन क्षेत्र पूरी तरह से बदल गया है तथा इस विधेयक से सुधारों को गति मिलेगी।

चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के भीम सिंह ने कहा कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के शासनकाल में एक लाख 86 हजार करोड़ रुपये का कोयला घोटाला हुआ था और कोयला खदानों का मनमाना आवंटन होता था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने इस पर रोक लगाई और कोयला खदानों का आवंटन नीलामी के माध्यम से शुरू किया।

वाईएसआरसीपी के अयोध्या रामी रेड्डी आला ने कहा कि इस विधेयक में आदिवासियों की सुरक्षा के लिए कुछ नहीं कहा गया है। उन्होंने मांग की कि कामगारों का शोषण करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।

बीजू जनता दल के मानस रंजन मंगराज ने कहा कि ओडिशा खनिजों के मामले में बेहद समृद्ध राज्य है लेकिन फिर भी वह कई मामलों में पीछे है। उन्होंने कहा कि कोयला के राजस्व में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने की बीजद की मांग पुरानी है लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ।

अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरै ने राज्यों के लिए खनिजों की रॉयल्टी बढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अवैध रेत खनन पर रोक लगाना एक बड़ी चुनौती है।

भाजपा के आदित्य प्रसाद ने कहा कि झारखंड राज्य में खनिज संपदा की कमी नहीं है लेकिन वहां कोयला और कीमती पत्थरों का अवैध खनन जारी है जिससे राज्य को खासा नुकसान हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि राज्य में कोयले की बिक्री में 30 फीसदी की गिरावट आई है क्योंकि अवैध खनन के जरिये निकाला गया कोयला सस्ता बिक रहा है।

शिवसेना के मिलिंद मुरली देवरा ने कहा कि यह विधेयक भारत को खनिज के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में मददगार होगा। उन्होंने कहा कि लिथियम और कोबाल्ट खनिज बैटरी की रीढ़ हैं और दोनों खनिज भारत में बहुतायत में पाए जाते हैं।

उन्होंने सुझाव दिया कि पर्यावरण के अनुकूल खनन को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।

चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा सदस्य दीपक प्रकाश ने कहा कि यह विधेयक इतिहास रचने वाला और आत्मनिर्भर भारत का रास्ता प्रशस्त करने वाला है।

राकांपा सदस्य प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि महत्वपूर्ण खनिजों के कारण ही अमेरिका ने चीन पर भारी सीमा शुल्क (टैरिफ) नहीं लगाया। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण खनिज ऊर्जा सहित कई क्षेत्रों के लिए बेहद अहम हैं। उन्होंने कहा कि भारत में महत्वपूर्ण खनिजों की कमी है और देश को इस चुनौती को पार करना है।

टीएमसी (एम) सदस्य जीके वासन ने विधेयक को समय की मांग बताया और कहा कि अगर भारत को आगे बढ़ना है तो यह काफी अहम विधेयक है। उन्होंने अवैध रेत खनन को बहुत बड़ी समस्या बताते हुए कहा कि इस वजह से कई स्थानों पर भूमिगत जलस्तर नीचे जा रहा है जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कावेरी सहित कई नदियां अवैध रेत खनन से प्रभावित हो रही हैं।

चर्चा में भाग लेते हुए बसपा सदस्य रामजी ने कहा कि खनन के कारण जंगल तबाह हो जाते हैं वहीं कई बार पहाड़ों को भी तोड़ दिया जाता है और उर्वर जमीन भी बर्बाद हो जाती है। बसपा सदस्य ने कहा कि महत्वपूर्ण खनिज देश के लिए बहुत उपयोगी हैं लेकिन इनका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को ध्यान देना चाहिए कि ऐेसे खनिज देश से बाहर नहीं भेजे जाएं और उनका देश के अंदर ही उपयोग हो।

भाजपा की किरण चौधरी ने कहा कि यह विधेयक विकसित भारत का हमारा सपना सच करेगा और देश को आत्मनिर्भर बनाएगा।

चर्चा में भाजपा के महेन्द्र भट्ट, मयंक कुमार नाइक, सीमा द्विवेदी, महाराजा संजाओबा लेशंबा, अनिल सुखदेवराव बोंडे, धर्मशीला गुप्ता, बीआरएस के रविचंद्र बद्दी राजू, तेदेपा के मस्थान राव यादव बीधा ने भी भाग लिया।

भाषा मनीषा अविनाश वैभव

वैभव

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