मुंबई, 19 अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र के कई जिलों में भारी बारिश के बीच पिछले कुछ दिनों में छह लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों लोग विस्थापित हुए हैं।
मुंबई में मंगलवार को भी भारी बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित रहा।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आपदा प्रबंधन विभाग के साथ बाढ़ के हालात की समीक्षा की और कहा कि अगले 48 घंटे मुंबई, ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के लिए अहम होंगे और ये सभी हाई अलर्ट पर हैं।
रात भर भारी बारिश जारी रहने के कारण, मुंबई के निचले इलाकों में पानी भर गया, जिससे उपनगरीय रेल सेवा प्रभावित हुई। इसके चलते बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने सभी सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालयों में अवकाश घोषित कर दिया।
भारी बारिश के कारण मुंबई उच्च न्यायालय में अपराह्न 12.30 बजे तक ही कामकाज हुआ। आम तौर पर अदालत में कामकाज सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक चलता है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा जारी ‘रेड अलर्ट’ चेतावनी के मद्देनजर स्कूल और कॉलेज भी बंद कर दिए गए। आईएमडी ने मंगलवार को मुंबई और आसपास के जिलों में कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है।
उच्च शिक्षा निदेशालय ने कोंकण क्षेत्र के सभी कॉलेजों में अवकाश घोषित कर दिया है, जो पालघर, ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के संस्थानों पर लागू है।
अधिकारियों के अनुसार, स्थानीय ट्रेन सेवाओं में देरी हुई और सड़कें जलमग्न होने के कारण बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन (बेस्ट) उपक्रम की बस सेवाओं का मार्ग कुछ स्थानों पर परिवर्तित कर दिया गया।
मध्य रेलवे ने भारी बारिश के बाद पटरियों के जलमग्न होने के कारण छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और कुर्ला स्टेशनों के बीच हार्बर लाइन पर अपनी लोकल ट्रेन सेवाएं निलंबित कर दीं।
उसने बताया कि रेल पटरियों पर पानी भर जाने के कारण कुर्ला और सायन स्टेशन के बीच मुख्य लाइन पर भी सेवाएं निलंबित कर दी गईं।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्यालय ने बताया कि शहर में मीठी नदी के उफान पर आने के कारण उपनगरीय मुंबई के कुर्ला से लगभग 350 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
आईएमडी ने बताया कि पिछले 24 घंटों में मुंबई के कई हिस्सों में 200 मिमी से अधिक बारिश हुई, जिसमें पूर्वी उपनगरों के विक्रोली में सबसे अधिक 255.5 मिमी बारिश दर्ज की गई।
पिछले कुछ दिनों में राज्य में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम छह लोगों की जान जा चुकी है।
पिछले दो दिनों में नांदेड़ जिले के बाढ़ प्रभावित गांवों से 290 से अधिक लोगों को बचाया गया है और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और सेना को क्षेत्र में तैनात किया गया है।
मुखेड-उदगीर रोड पर रात एक बजकर 40 मिनट पर एक ऑटोरिक्शा और एक कार में सवार सात लोग बाढ़ में बह गए। एक अधिकारी ने बताया कि बचाव दल तीन पुरुषों को बचा लिया जबकि एक पुरुष और तीन महिलाओं की तलाश जारी है।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने निम्न दबाव के क्षेत्र और मानसूनी हवाओं के तेज होने के कारण मूसलाधार बारिश हुई।
पुणे स्थित भारत मौसम विज्ञान विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक एस.डी. सानप ने कहा, ‘‘सिस्टम ने उत्तर कोंकण से लेकर केरल तक एक दबाव का क्षेत्र बना दिया है। इसके कारण कोंकण, मध्य महाराष्ट्र और घाटों में बहुत भारी से असाधारण भारी बारिश हो रही है, जबकि राज्य के बाकी हिस्सों में मध्यम बारिश हो रही है।’’
आईएमडी ने अगले दो दिन तक मुंबई सहित कोंकण और मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भारी बारिश का अनुमान लगाया है, साथ ही मराठवाड़ा और विदर्भ में ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया गया है, जहां इस सप्ताह के अंत में बारिश की तीव्रता घटकर ‘येलो अलर्ट’ में तब्दील हो सकती है।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने संवाददाताओं से कहा कि लगातार बारिश से राज्य में लगभग 10 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई है।
उन्होंने बताया कि बारिश कम होने के बाद नुकसान का आकलन शुरू किया जाएगा।
गडचिरोली में सोमवार शाम से लगातार हो रही बारिश के कारण निचले इलाकों में पानी भर गया है और संपर्क टूट गया है।
भामरागड तालुका के 50 से अधिक गांव पर्लकोटा नदी के उफान पर आने के बाद संपर्क से कटे हुए हैं जिससे भामरागा-अल्लापल्ली राजमार्ग बंद करना पड़ा है।
अधिकारियों ने बताया कि कोडपे गांव का 19 वर्षीय एक युवक उफान पर आए नाले को पार करते समय उसमें बह गया।
वाशिम जिले की प्रमुख नदियां लगातार चौथे दिन उफान पर हैं, जिससे हजारों हेक्टेयर खरीफ की फसल को नुकसान पहुंचा है।
पश्चिमी महाराष्ट्र में, कोल्हापुर के राधानगरी बांध ने भारी जल आवक के बाद भोगवती नदी में 11,500 क्यूसेक पानी छोड़ा, जिससे इस मौमस में पंचगंगा नदी पांचवीं बार खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है।
अधिकारियों के अनुसार, भूस्खलन के कारण कोल्हापुर-रत्नागिरी राजमार्ग कई घंटों तक बंद रहा, जिससे यातायात बाधित रहा।
इसी तरह, चंदोली बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने से वारणा नदी का जलस्तर बढ़ गया है और कोल्हापुर के निचले इलाकों के गांवों को सतर्क कर दिया गया है।
राज्य जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रमुख जलविद्युत उत्पादक जलाशय कोयना बांध ने मंगलवार को कोयना नदी में नियंत्रित मात्रा में पानी छोड़ना शुरू कर दिया है और सतारा जिले के कराड जैसे प्रमुख शहरों को नदियों के जल स्तर में संभावित वृद्धि के बारे में सतर्क कर दिया गया है।
कोंकण में, रायगढ़ जिले के रोहा तालुका में सोमवार को 160 मिलीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गई, और कुंडलिका और सावित्री नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि महाड और नागोठणे में भूस्खलन और गांवों के रास्तों में बाढ़ के कारण सड़क संपर्क बाधित हो गया है।
भाषा
खारी दिलीप
दिलीप