नयी दिल्ली, 19 अगस्त (भाषा) सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को संसद को बताया कि एक से अधिक राज्य में संचालित होने वाली सहकारी समितियों के बोर्ड में महिलाओं के लिए दो सीट और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) के लिए एक सीट आरक्षित की गई है।
उन्होंने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा सहकारिता क्षेत्र में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की भागीदारी बढ़ाने के संबंध में पूछे गए प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
शाह ने बताया कि सरकार ने सभी राज्यों में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) के लिए आदर्श उप-नियमों में इसी तरह के प्रावधान शामिल किए हैं। इन उपायों का उद्देश्य महिलाओं और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिए पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित कर पैक्स की सदस्यता को और अधिक समावेशी बनाना है।
राहुल ने सहकारी समितियों के गठन में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा की गई की पहल का विवरण मांगा था।
उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या सरकार ने सहकारिता मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित प्रमुख योजनाओं, विशेष रूप से इथेनॉल संयंत्रों की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता, के वास्ते अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उप-योजना के तहत अनिवार्य आवंटन में छूट दी है।
शाह ने बताया कि मंत्रालय कई योजनाएं क्रियान्वित कर रहा है, जिनमें पैक्स का कम्प्यूटरीकरण, सहकारी चीनी मिलों को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) को अनुदान सहायता तथा सहकारी समितियों के लिए आईटी सहायता शामिल हैं।
शाह ने बताया, ‘‘इन योजनाओं से सहकारी समितियों के कृषक सदस्यों को लाभ मिल रहा है, जिनमें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के किसान भी शामिल हैं।’’
उन्होंने बताया कि सहकारी समितियों के माध्यम से योजना कार्यान्वयन की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए छूट दी गई है।
सहकारी चीनी मिलों को मजबूत करने के लिए अनुदान सहायता योजना के तहत, सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 और वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 500 करोड़ रुपये की दो किस्तों में एनसीडीसी को 1,000 करोड़ रुपये का एकमुश्त अनुदान प्रदान किया।
इस वित्तपोषण से एनसीडीसी को अतिरिक्त बाजार उधारी का लाभ उठाने और सहकारी चीनी मिलों को 10,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने में मदद मिली।
इस सहायता में इथेनॉल संयंत्र, सह-उत्पादन संयंत्र स्थापित करना, कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करना, या इन सभी उद्देश्यों का संयोजन शामिल है।
इस योजना के परिणामस्वरूप एनसीडीसी ने 109 ऋण स्वीकृत किए हैं, जिससे 56 सहकारी चीनी मिलों को कुल 10,005 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता का लाभ मिला है।
भाषा सुभाष वैभव
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