इंदौर (मध्यप्रदेश), 19 अगस्त (भाषा) इंदौर की जिला अदालत ने एक पूर्व एयर होस्टेस को इस आशय का बॉन्ड भरने का आदेश दिया है कि वह अपनी सास के साथ घरेलू हिंसा नहीं करेगी।
जिला अदालत के एक प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) ने कथित घरेलू हिंसा को लेकर एक महिला की उसकी बहू के खिलाफ पेश शिकायत स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया।
यह शिकायत घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत प्रस्तुत की गई थी जिसमें सास ने अपनी बहू पर छह अगस्त की शाम उसके घर में जबरन घुसकर हाथापाई और गाली-गलौज करने तथा मुख्य दरवाजे पर ताला जड़ने के आरोप लगाए थे।
अदालत ने 13 अगस्त के आदेश में कहा कि मामले के दस्तावेजों पर गौर करने से पहली नजर में लग रहा है कि शिकायतकर्ता महिला की बहू ने उसके घर में घुसकर उसके साथ घरेलू हिंसा की है।
जेएमएफसी की अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रतिवादियों के लगातार गैरहाजिर रहने के कारण एकपक्षीय आदेश पारित किया। आदेश में महिला की बहू से कहा गया है कि वह इस आशय का बॉन्ड भरकर पेश करे कि वह अपनी सास के साथ घरेलू हिंसा नहीं करेगी।
महिला की बहू को यह आदेश भी दिया गया है कि जब तक वह इस मामले में अदालत के सामने हाजिर नहीं हो जाती, तब तक वह खुद या किसी दूसरे व्यक्ति के जरिये अपनी सास के साथ किसी भी तरह से संपर्क नहीं करेगी।
पीड़ित महिला के वकील आशीष एस. शर्मा ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उनकी मुवक्किल महिला के बेटे और बहू के बीच पारिवारिक विवाद चल रहा है और दोनों अलग-अलग रह रहे हैं।
शर्मा ने बताया कि सास के साथ घरेलू हिंसा के आरोप का सामना कर रही बहू एयर होस्टेस रह चुकी है और उसने उनकी मुवक्किल के फोटोग्राफर बेटे के साथ 2020 में प्रेम विवाह किया था।
भाषा हर्ष नोमान
नोमान