नयी दिल्ली, 19 अगस्त (भाषा) केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने अपने 3.25 लाख से अधिक कर्मियों को एक ‘अनधिकृत’ मोबाइल ऐप के खिलाफ सतर्क किया है और चेताया है कि यह जवानों के महत्वपूर्ण व्यक्तिगत और संगठनात्मक विवरणों तक पहुंचने का प्रयास करके ‘गंभीर’ सुरक्षा जोखिम पैदा करता है।
सीआरपीएफ ने कहा कि यह फर्जी ऐप है, जो उसके प्रामाणिक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की नकल कर बनाया गया है। अर्द्धसैन्य बल की सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) शाखा द्वारा सोमवार को जारी एक परामर्श में कहा गया कि ‘संभव एप्लीकेशन राइटर’ नाम के इस ऐप का विज्ञापन व्हाट्सएप और यूट्यूब सहित विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया जा रहा है।
एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सीआरपीएफ ने सरकारी साइबर सुरक्षा एजेंसियों से ऑनलाइन प्ले स्टोर से इस ‘अनधिकृत’ ऐप को हटाने को कहा है, क्योंकि उसके द्वारा इसे ‘विकसित या अनुशंसित’ नहीं किया गया है।
मूल ऐप का नाम ‘सीआरपीएफ संभव’ है और इसका इस्तेमाल उसके जवानों और सीआरपीएफ के अन्य कर्मियों द्वारा अपने व्यक्तिगत और प्रशासनिक विवरण जैसे वेतन, वित्त, छुट्टियां और स्थानांतरण के संबंध में पात्रता की जांच करने के लिए किया जाता है।
सीआरपीएफ के परामर्श में कहा गया है कि फर्जी ऐप गलत दावा कर रहा है कि यह उपयोगकर्ताओं (सीआरपीएफ कर्मियों) को ‘संभव’ ऐप पर अपलोड करने के लिए एक आवेदन तैयार करने में मदद कर सकता है, जिसके बाद उपयोगकर्ता अपनी फोर्स आईडी, यूनिट का नाम और अन्य व्यक्तिगत और आधिकारिक विवरण साझा करेंगे।
परामर्श में कहा गया है, ‘अनधिकृत ऐप के साथ ऐसी जानकारी साझा करने से गंभीर परिचालन सुरक्षा जोखिम पैदा हो सकता है। इस (फर्जी) ऐप को डाउनलोड, इंस्टॉल या इस्तेमाल न करें।’
सीआरपीएफ ने अपनी सभी इकाइयों और यूनिट कमांडरों को इस परामर्श का ‘सख्ती से अनुपालन’ सुनिश्चित करने, तथा अन्य संचार माध्यमों के अलावा, सुबह और शाम के समय ड्यूटी पर मौजूद प्रत्येक जवान और कर्मियों को इसकी जानकारी देने के लिए कहा है।
भाषा आशीष दिलीप
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